नई दिल्ली, 19 मई| Lashkar commander Saifullah Killed : जिस आतंकवादी को सुरक्षा की छत पाकिस्तान सरकार ने दी, वही सैफुल्लाह आखिरकार सिंध की सड़कों पर खामोश कर दिया गया। लश्कर-ए-तैयबा का यह कमांडर, जिसने भारत की सरज़मीं पर कई बर्बर हमलों को अंजाम दिया, अब इतिहास बन चुका है।
कई नाम, एक पहचान – आतंक:
सैफुल्लाह उर्फ विनोद कुमार, उर्फ मोहम्मद सलीम, उर्फ खालिद – ये नाम उसके आतंक के कई चेहरों की कहानी कहते हैं। नेपाल में उसने स्थानीय महिला नगमा बानू से निकाह कर अपनी पहचान (Lashkar commander Saifullah Killed)छुपाई और लश्कर के आतंकी नेटवर्क को नेपाल के ज़रिए भारत में घुसपैठ कराने का ज़िम्मा संभाला।
बदीन, सिंध – जहां पड़ा आखिरी निशान:
रविवार को सिंध प्रांत के मतली इलाके में अज्ञात हमलावरों ने उसे गोली से उड़ा दिया। माना जा रहा है कि सैफुल्लाह के मारे जाने के पीछे आंतरिक गैंगवार या इंटरनेशनल इंटेलिजेंस की कार्रवाई हो सकती है, जिसकी जांच पाकिस्तान खुद भी नहीं करना चाहेगा।
भारत के ज़ख्मों का था ज़िम्मेदार:
रामपुर CRPF कैंप हमला, नागपुर संघ कार्यालय पर हमला, और IISc बेंगलुरु ब्लास्ट जैसे वीभत्स हमलों के पीछे इस एक ही चेहरे का हाथ रहा (Lashkar commander Saifullah Killed)है। पांच सालों में इसने न सिर्फ आतंक फैलाया बल्कि भारत की सुरक्षा व्यवस्था को कई बार चुनौती दी।
अब जबकि वह मारा जा चुका है, यह भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है, भले ही वह भारतीय धरती पर न मारा गया हो।
नई दिल्ली, 19 मई| Lashkar commander Saifullah Killed : जिस आतंकवादी को सुरक्षा की छत पाकिस्तान सरकार ने दी, वही सैफुल्लाह आखिरकार सिंध की सड़कों पर खामोश कर दिया गया। लश्कर-ए-तैयबा का यह कमांडर, जिसने भारत की सरज़मीं पर कई बर्बर हमलों को अंजाम दिया, अब इतिहास बन चुका है।
कई नाम, एक पहचान – आतंक:
सैफुल्लाह उर्फ विनोद कुमार, उर्फ मोहम्मद सलीम, उर्फ खालिद – ये नाम उसके आतंक के कई चेहरों की कहानी कहते हैं। नेपाल में उसने स्थानीय महिला नगमा बानू से निकाह कर अपनी पहचान (Lashkar commander Saifullah Killed)छुपाई और लश्कर के आतंकी नेटवर्क को नेपाल के ज़रिए भारत में घुसपैठ कराने का ज़िम्मा संभाला।
बदीन, सिंध – जहां पड़ा आखिरी निशान:
रविवार को सिंध प्रांत के मतली इलाके में अज्ञात हमलावरों ने उसे गोली से उड़ा दिया। माना जा रहा है कि सैफुल्लाह के मारे जाने के पीछे आंतरिक गैंगवार या इंटरनेशनल इंटेलिजेंस की कार्रवाई हो सकती है, जिसकी जांच पाकिस्तान खुद भी नहीं करना चाहेगा।
भारत के ज़ख्मों का था ज़िम्मेदार:
रामपुर CRPF कैंप हमला, नागपुर संघ कार्यालय पर हमला, और IISc बेंगलुरु ब्लास्ट जैसे वीभत्स हमलों के पीछे इस एक ही चेहरे का हाथ रहा (Lashkar commander Saifullah Killed)है। पांच सालों में इसने न सिर्फ आतंक फैलाया बल्कि भारत की सुरक्षा व्यवस्था को कई बार चुनौती दी।
अब जबकि वह मारा जा चुका है, यह भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है, भले ही वह भारतीय धरती पर न मारा गया हो।