Land Scam : रहस्य के घेरे में BJP विधायक, 1100 एकड़ आदिवासी भूमि सौदे का काला सच

Land Scam : क्या एक जनप्रतिनिधि सचमुच अपने ही लोगों की ज़मीन का सौदागर बन सकता है? क्या सत्ता और प्रभाव का इस्तेमाल मासूम आदिवासियों की ज़मीन छीनने में किया गया? और क्या यह पूरा मामला सिर्फ़ संयोग है, या इसके पीछे कोई बड़ा (Land Scam) छिपा हुआ है? इन सवालों ने मध्य प्रदेश की सियासत को झकझोर कर रख दिया है।
मध्य प्रदेश के कटनी जिले के विजयराघवगढ़ से भाजपा विधायक संजय पाठक पर आदिवासियों की 1100 एकड़ भूमि हड़पने का गंभीर आरोप लगा है। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए 30 दिनों के भीतर जांच कर रिपोर्ट पेश करने के आदेश (Land Scam) दिए हैं। इससे पहले ही पाठक का नाम करोड़ों रुपये के अवैध खनन प्रकरण में न्यायमूर्ति से कथित बातचीत को लेकर सुर्खियों में आ चुका है। अब नया आरोप उनकी मुश्किलें और बढ़ाता नज़र आ रहा है।
शिकायत में कहा गया है कि विधायक पाठक ने अपने चार निजी कर्मचारियों—नत्थू कोल, प्रहलाद कोल, राकेश सिंह गौड़ और रघुराज सिंह गौड़—के नाम पर यह सौदे किए। ये सभी आदिवासी कर्मचारी गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करते हैं, लेकिन उनके नाम पर जबलपुर, कटनी, डिंडौरी, उमरिया और सिवनी जिलों में बैगा जनजाति की ज़मीन खरीदी गई। आरोप है कि ये सौदे खदानों के आसपास की रणनीतिक भूमि पर केंद्रित थे, जिससे यह पूरा मामला और गहरा (Land Scam) प्रतीत होता है।
जबलपुर के कलेक्टर राघवेंद्र सिंह ने स्पष्ट किया कि उन्हें अब तक आयोग से कोई आधिकारिक आदेश नहीं मिला है। यदि आदेश प्राप्त होते हैं, तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इस बयान ने रहस्य को और गहरा कर दिया है, क्योंकि सवाल यह है कि इतने बड़े पैमाने पर भूमि हस्तांतरण बिना प्रशासनिक निगरानी के कैसे संभव हुआ?
इसी बीच, विधायक पाठक का नाम एक और विवाद से जुड़ गया है। आरोप है कि उन्होंने सहारा इंडिया परिवार समूह की 310 एकड़ कीमती जमीन भी औने-पौने दामों में खरीदी। 435 पन्नों की शिकायत में दर्ज है कि भोपाल, जबलपुर और कटनी में फैली इन संपत्तियों को खरीदने में काले धन का उपयोग हुआ। यह सौदा कथित रूप से उनकी दो पारिवारिक फर्मों के नाम पर किया गया और इसकी कीमत करीब 1,000 करोड़ रुपये आँकी गई, जबकि दस्तावेजों में इसे मात्र 79.66 करोड़ रुपये में दर्शाया गया। इस सौदे को लेकर प्रवर्तन निदेशालय तक शिकायत पहुँची है।
लगातार विवादों में फँसे विधायक पाठक पर लगे आरोप सिर्फ़ एक राजनेता की छवि पर सवाल नहीं उठाते, बल्कि सत्ता, कारोबार और (Land Scam) के बीच संभावित गठजोड़ की ओर भी इशारा करते हैं। अब सबकी निगाहें आयोग और ईडी की कार्रवाई पर टिकी हैं, जो तय करेगी कि यह कहानी सिर्फ़ एक आरोप है या सचमुच एक बड़ा घोटाला।