नई दिल्ली, नवप्रदेश। ऐसा कहा जाता है कि ‘स्त्री कुछ भी कर सकती है’, इस बात को एक महिला पुलिस ने सच साबित करते हुए 11 लोगों को धर दबोचा, जो मेडिकल कॉलेज में छात्रों के साथ रैगिंग करते हुए पाए गए।
स्थानीय रिपोर्ट्स के मुताबिक, 24 वर्षीय महिला कॉन्स्टेबल शालिनी चौहान इंदौर के एक कॉलेज में रैगिंग के मामले में ‘नायक’ बन गईं। उन्होंने आरोपियों को पकड़ने के लिए खुद एक स्टूडेंट बनकर कॉलेज में घुस गईं और फिर रैगिंग करने वाले लोगों को धर दबोचा।
खबर के मुताबिक, वह रोजाना अपने कंधे पर बैकपैक लटकाए हुए क्लास में जाती थी और कैंपस में अपने दोस्तों के साथ घूमा करती थीं। साथ ही कैफेटेरिया में खाना भी खाया करती थी। इतना ही नहीं, अन्य स्टूडेंट्स की तरह बंक भी मारा करती थी।
हालांकि, स्टूडेंट बनकर कॉलेज गईं शालिनी चौहान की सच्चाई कुछ और ही थी। वह एक अंडरकवर एजेंट थीं जो कैंपस के अंदर रैगिंग करने वाले लोगों की तलाश कर रही थीं। पुलिस के लिए एजेंट का काम करने वाली शालिनी को पहचान पाना आसान काम नहीं था।
उन्होंने फिल्मी स्टाइट में एक-दो नहीं बल्कि 11-11 आरोपियों को पकड़वाया. इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज में पुलिस ने रैगिंग के इस मामले का खुलासा किया। कॉन्स्टेबल शालिनी कॉलेज में तीन महीने तक छात्रा बनकर रहीं और फिर घटना में संलिप्त आरोपियों को पकड़ा।
इंदौर के संयोगितागंज थाना क्षेत्र में शिकायत मिली कि कॉलेज में रैगिंग से छात्रों को परेशान किया जाता है। इस पर पुलिस ने कुछ लोगों की टीम बनाई और फिर कांस्टेबल शालिनी को एक स्टूडेंट के तौर पर कॉलेज में एडमिशन दिलवाया,
जिसने जासूसी करके आरोपियों की पहचान की और उन्हें जेल भिजवाया। यही नहीं, कॉलेज में कैंटीन का कर्मचारी बनाकर दो पुलिसकर्मियों को भेजा और एक अन्य महिला कॉन्सटेबल को नर्स बनाकर कॉलेज में भेजा।
सभी ने रैगिंग के मामले में 11 आरोपियों की पहचान की। सभी ने नोटिस किया कि रैगिंग करने वाले लोग अपने जूनियर को परेशान करते थे। इतना ही नहीं, वह छात्रों को अश्लील काम करने के लिए फोर्स करते थे।