नई दिल्ली/नवप्रदेश। सरदार पटेल की जयंती के अवसर पर गुरुवार को लद्दाख (laddakh) को जम्मू- कश्मीर (jammu kashmir) से अलग (divide) करने की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।
केंद्र सरकार इसके साथ ही इन दोनों को केंद्र शासित प्रदेशों (union territories) में विभक्त (divide) करने संबंधी अधिसूचना (notification) भी जारी करेगी। इसके साथ ही जम्मू -कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित क्षेत्र बन जायेंगे।
लद्दाख की नहीं होगी विधानसभा
जम्मू -कश्मीर पुड्डुचेरी की तरह एक केंद्रशासित क्षेत्र होगा, जिसकी एक विधानसभा भी होगी। वहीं लद्दाख (laddakh) चंडीगढ़ की तरह ऐसा केंद्र शासित क्षेत्र होगा जिसकी कोई विधानसभा नहीं होगी। इन दोनों केंद्र शासित क्षेत्र (union territories) की कानून एवं व्यस्था केंद्र सरकार के पास होगी।
लद्दाख में होगा करगिल व लेह जिला
जम्मू -कश्मीर (jammu kashmir) का एक उप राज्यपाल होगा जबकि लद्दाख में एक प्रशासक होगा और लद्दाख में करगिल तथा लेह जिले होंगे। गृह मंत्रालय द्वारा गुरुवार को लद्दाख को अलग (divide) करने की अधिसूचना (notification) जारी होने के बाद ये दोनों केंद्र शासित क्षेत्र (union territories) अस्तित्व में आ जायेंगे।
वाम दलों ने की थी आलोचना
गौरतलब है कि संसद से जम्मू- कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पारित होने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इसे अपनी स्वीकृति दे दी थी। वाम दलों ने सरदार पटेल की जयंती के दिन इस अधिसूचना को जारी किये जाने की तीखी आलोचना की थी।
कहा था कि मोदी सरकार यह झूठ फैलाना चाहती है कि सरदार पटेल 370 के खिलाफ थे, जबकि हकीकत यह है कि सरदार पटेल के घर पर बैठक में ही जम्मू- कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के बारे में बैठक हुई थी। उन्होंने गोपस्वामी अय्यर के साथ मिलकर इस अनुच्छेद को तैयार किया था। विपक्षी दल पिछले ढाई माह से जम्मू -कश्मीर के अनुच्छेद 370 को हटाये जाने का विरोध कर रहे हैं और भाजपा यह प्रचारित करती रही है कि सरदार पटेल 370 के पक्ष में नही थे।