कुछ BJP नेताओं को छोड़कर ज्यादातर बोरे-बासी से बनाये रहे दूरी
रायपुर/नवप्रदेश। Labor Day & Stale Feast Day : पक्ष-विपक्ष दोनों दलों के नेता बोरे-बासी के साथ दिखे। CM साय ने श्रमिकों के साथ बासी खाए। कांग्रेस नेताओं ने बोरे-बासी भोज का आयोजन करवाया। कुछ BJP नेताओं को छोड़कर ज्यादातर बोरे-बासी से बनाये रहे दूरी। बता दें कि 1 मई मजदूर दिवस के दिन छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा चर्चा बोरे-बासी की हुई। लेकिन मज़े की बात यह कि कांग्रेस सरकार के इस कार्यक्रम में एक भी अधिकारी इस बार बासी खाता नहीं दिखा।
वैसे भी जिन IAS अफसरों और हाई प्रोफाइल लोगों को बोर बासी बेहद पसंद थी वो फ़िलहाल ED, ACB और EOW के अलावा IT के चक्कर में फंसे हुए हैं। शायद इसलिए भी भूपेश बघेल शासनकाल की तुलना में साय सरकार में इसका वैसा जलवा नहीं दिखा। हालांकि CM विष्णुदेव साय ने आज श्रमिक दिवस के मौके पर मजदूरों संग जरूर बोर बासी खाये।
कांग्रेसियों ने किया आयोजन
श्रमिक दिवस के दिन रायपुर में कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी विकास उपाध्याय ने बोरे बासी खाकर श्रमिक दिवस मनाया। जिसमें रायपुर जिला कांग्रेस कमेटी के नेता भी दिखाई दिए। उपाध्याय ने कहा कि, आज का दिन श्रमिक भाईयों का सम्मान कर अपनी संस्कृति पर गर्व करने का दिन है।
क्या है बोरे-बासी का विवाद ?
बता दें कि, साल 2023 में जब कांग्रेस की सरकार थी, तब 1 मई श्रमिक दिवस को बोरे-बासी दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया था। कांग्रेस ने इसे छत्तीसगढ़ की संस्कृति और श्रमिकों के सम्मान से जोड़ा। नेता-मंत्री, विधायक, सांसद, अफसर सभी बोरे-बासी खाते दिखे। तब भी भाजपा इसका समर्थन नहीं करती थी।
लखमा का दिखा जुदा अंदाज
पूर्व मंत्री और बस्तर लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी कवसी लखमा का अलग ही अंदाज दिखा। वो अकेले ही घर पर बोरे बासी खाते दिखे। चटाई पर भोजन रखकर गर्मी में उन्होंने ठंडी बासी खाई और दूसरों को भी ऐसा करने को मोटिवेट किया।