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Korba LokSabha 2024 : कांग्रेस और BJP के बीच ही सीधी टक्कर, गोंगपा कहीं विरोधियों के लिए खतरे की घंटी तो नहीं…

Korba Lok Sabha: Direct contest between Congress and BJP, is Gongpa an alarm bell for the opponents?

Korba Lok Sabha 2024

गोंडवाना पार्टी की धमक से बदल सकता है समीकरण

यशवंत राजवाड़े
बैकुंठपुर/नवप्रदेश। Korba LokSabha 2024 : राज्य के हाई प्रोफाइल सीट कोरबा लोकसभा सीट पर इस बार मुकाबला काफी रोचक हो सकता है । भले ही दो प्रमुख राष्ट्रीय दल के जानकार कोरबा लोकसभा सीट पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही सीधी टक्कर मान रहे हों लेकिन यहां गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के उम्मीदवार को कमजोर मानना बड़ी भूल होगी क्योंकि किसी भी दल के जीत हार में इनकी भूमिका ही अब तक निर्णायक साबित हुई है।

वहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में इनका वोट प्रतिशत बढऩे की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता जिससे दोनों प्रमुख दलों में जीत हार के लिए कहंी आरी रोड़ा न बन जाए। कोरबा लोकसभा सीट (Korba LokSabha 2024 ) पर राज्य बनने के बाद अब तक तीन लोकसभा चुनाव हुए हैं पहले कोरबा जांजगीर लोकसभा अंतर्गत आता था। जहां 2002 में परिसीमन में अलग होने के बाद पहला चुनाव वर्ष 2009 में हुआ । इस पहले चुनाव में कांग्रेस ने डॉ. चरणदास महंत और बीजेपी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करूणा शुक्ला को उतारा था ।

चुनाव में हार जीत का आंकड़ा 20 हजार से ज्यादा रहा था. चरणदास महंत को 3 लाख 14 हजार 616 और करुणा शुक्ला को 2 लाख 93 हजार 879 वोट मिले थे जहा गोंडवाना पार्टी तीसरे पायदान पर था । छत्तीसगढ़ में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में यदि नजर डालें तो ये बात सामने आएगी कि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने अपनी मौजूदगी राज्य के एक सीट में दर्ज कराई है ।इन्हीं में से एक सीट पाली तानाखार भी है ।

जहां से गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का उम्मीदवार विधानसभा पहुंचा ।यही नहीं पार्टी ने भरतपुर सोनहत, बैकुंठपुर, मनेन्द्रगढ़ मरवाही जैसी जगहों पर जिन प्रत्याशियों को खड़ा किया । उन सभी प्रत्याशियों ने जमकर वोट बटोरे जिन्होंने काग्रेस व भाजपा दोनों ही प्रमुख दलों के वोट बैंक में सेंध लगा दी साथ ही यदि इन वोट बैंक को जोड़ा जाए तो आपको आंकड़े देखकर हैरानी होगी । कोरबा लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली आठ विधानसभाओं मे गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने डेढ़ लाख से भी ज्यादा वोट इक_ा किया था ।इस लिहाज से देखा जाए तो लोकसभा में गोंगपा विरोधियों के लिए खतरे की घंटी बजा सकती है ।


राज्य गठन के बाद हुए परिसीमन के बाद कोरबा लोकसभा सीट (Korba LokSabha 2024 ) अस्तित्व में आई। 2009 के चुनाव में कांग्रेस के चरणदास महंत ने अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला को हराया था ।इस चुनाव में हार जीत का आंकड़ा 20 हजार से ज्यादा का था । 2009 में चरणदास महंत को 3 लाख 14 हजार 616 और करुणा शुक्ला को 2 लाख 93 हजार 879 वोट मिले थे उस समय गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रत्याशी हीरासिंह मरकाम को 32 हजार 962 वोट मिले थे। उनके वोटों का आंकड़ा कुल मतदान का 2.58 फीसदी था।


कोरबा लोकसभा सीट पर वर्ष 2014 में दूसरा लोकसभा चुनाव हुआ तब इस सीट पर कांग्रेस ने दोबारा सांसद डॉ. चरणदास महंत को टिकट दिया वही बीजेपी ने डॉ. बंशीलाल महतो को उतारा । डॉ. बंशीलाल महतो को 4 लाख 39 हजार 2 और डॉ. चरणदास महंत को 4 लाख 34 हजार 737 वोट मिले थे तब इस चुनाव में बीजेपी ने 4 हजार 265 वोटों से चुनाव जीता था उस समय गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रत्याशी ने 52 हजार 753 वोट हासिल किए थे । इस बार गोंडवाना का मत प्रतिशत 3.71 हो गया । जिसका नुकसान कांग्रेस को हुआ। 2009 और 2014 के चुनाव में गोंगपा के वोट में लगभग 20 हजार की बढ़ोतरी हुई। जिसके कारण कांग्रेस का प्रत्याशी 4265 वोटों से चुनाव हार गया।


वर्ष 2019 में कांग्रेस ने चरण दास महंत के विधानसभा अध्यक्ष बनने के बाद उनकी पत्नी ज्योत्सना महंत को टिकट दिया। जहां प्रत्याशी ज्योत्सना महंत ने 5 लाख 23 हजार 310 वोट हासिल किए वहीं बीजेपी के ज्योतिनंद दुबे को 4 लाख 97 हजार 61 वोट मिले। कांग्रेस से ज्योत्सना महंत ने 26 हजार 249 वोटों के अंतर से चुनाव जीता । इस चुनाव में गोंगपा प्रत्याशी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने हीरा सिंह मरकाम के बेटे तुलेश्वर सिंह मरकाम को चुनाव में उतारा था । जिन्हें 37 हजार 417 वोट मिले जो पिछली बार मिले वोट से काफी कम थे । लिहाजा कांग्रेस प्रत्याशी को फायदा हुआ और एक बार फिर दुबारा इस सीट पर कांग्रेस को फायदा हुआ ।


गोंगपा तय करती है इस सीट पर जीत और हार

जानकारी अनुसार छत्तीसगढ़ के लोकसभा कोरबा सीट (Korba LokSabha 2024) पर जब-जब गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को कम वोट मिले हैं कांग्रेस को फायदा हुआ है । एक चुनाव में जब गोंगपा को 50 हजार से ज्यादा वोट मिले तो कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था। दो चुनाव में 35 हजार से कम वोट गोंगपा को मिले थे। इन चुनावों में कांग्रेस को जीत मिली थी ।गोंगपा के वोटों से कोरबा सीट पर हार जीत का समीकरण अब तक बदलता रहा है इस बार गोंडवाना पार्टी के वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी होने की संभावना हैं जिससे भाजपा व कांग्रेस में जीत हार को लेकर कोई भी सही अनुमान लगा पाने में असमर्थ हैं ।

अब तक के परिणाम दे रहे ये संकेत

कोरबा लोकसभा सीट पर अब तक हुए तीन चुनाव का समीकरण उठाकर देखे तो जब-जब गोंगपा को इस लोकसभा में कम वोट मिले हैं। तब-तब कांग्रेस ने जीत हासिल की है। वहीं जब भी गोंगपा प्रत्याशी ने 50 हजार से ज्यादा वोट पाए हैं। कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है। जिन दो चुनाव में गोंगपा को 35 हजार से कम वोट मिले थे। उन दोनों ही चुनाव में कांग्रेस जीती थी। एक चुनाव में गोंगपा को ज्यादा वोट मिले,उस चुनाव में कांग्रेस चुनाव हार गई। इस बार भी गोंगपा की दोनों ही पार्टी के जीत हार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं यह कहना भी गलत नही होगा ।

प्रमुख दलों का वोट प्रतिशत

अब तक हुए तीन चुनाव में वोटिंग के साथ ही बीजेपी-कांग्रेस का वोट प्रतिशत भी बढ़ा है। 2009 के चुनाव में कांग्रेस को कुल वोटिंग का 24.65 और बीजेपी को 23.02 फीसदी वोट मिले थे वहीं 2014 में बीजेपी का वोट प्रतिशत 30.84 जबकि कांग्रेस का 30.54 था । वहीं 2019 के चुनाव में कांग्रेस का वोट प्रतिशत लगभग 15 फीसदी बढ़कर 46.01 फीसदी हो गया था। इस चुनाव में बीजेपी का वोट प्रतिशत 43.7 फीसदी तक पहुँच गया।

गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के वोट प्रतिशत की बात करें तो 2009 में 2.58, 2014 में 3.71 और 2019 में 3.29 प्रतिशत था। इस लिहाज से देखा जाए तो जब गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का वोट प्रतिशत बढ़ा तो कांग्रेस का प्रत्याशी चुनाव हारा। वहीं जब गोंगपा का वोट प्रतिशत स्थिर रहा तो कांग्रेस को फायदा हुआ.यानी ये कहना गलत नहीं होगा कि इस सीट पर किसी प्रत्याशी की जीत और हार का भविष्य गोंगपा के वोटर्स के हाथों में हैं।

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