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Konark Sun Temple Update : अब नाटमंडप पर नहीं चढ़ सकेंगे पर्यटक, एएसआई ने लगाया सुरक्षा प्रतिबंध

Konark Sun Temple Update

Konark Sun Temple Update

ओडिशा का कोणार्क सूर्य मंदिर, जो भारतीय स्थापत्य कला का एक अद्भुत उदाहरण माना जाता है, अब पर्यटकों के लिए नई व्यवस्था के तहत और भी सुरक्षित (Konark Sun Temple Update) हो गया है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने नाटमंडप (नृत्य मंडप) पर चढ़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। यह फैसला न केवल ऐतिहासिक धरोहर की सुरक्षा के लिए, बल्कि पर्यटकों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है।

नाटमंडप, जिसे कभी मंदिर का जीवंत सांस्कृतिक केंद्र xकहा जाता था, अब केवल नीचे से देखा जा सकेगा। एएसआई की नई गाइडलाइन के अनुसार, पर्यटक अब इसकी परिक्रमा कर सकेंगे, आसपास बनी शिल्पकृत मूर्तियों का अवलोकन कर पाएंगे, लेकिन मंच पर चढ़ना पूरी तरह वर्जित रहेगा।

क्यों लगाया गया प्रतिबंध?

बीते कुछ वर्षों में मंदिर का यह भाग पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण (Konark Sun Temple Update) बन गया था। ऊंचाई पर चढ़कर सेल्फी लेना, वीडियो बनाना और पत्थरों पर उकेरी गई कलाकृतियों को छूकर देखने की आदत ने कई बार दुर्घटनाओं को जन्म दिया। कई पर्यटक असावधानी के कारण फिसलकर घायल हुए, और इससे स्मारक के पत्थर भी क्षतिग्रस्त होते गए।

एएसआई अधिकारियों ने बताया कि स्मारक की प्राचीन संरचना अब उम्रदराज हो चुकी है, इसलिए शारीरिक दबाव और बार-बार के संपर्क से उसकी स्थिरता पर असर पड़ सकता है।

सूर्य मंदिर की ऐतिहासिक अहमियत को देखते हुए यह कदम संरक्षण की दिशा में एक बड़ा फैसला माना जा रहा है। कहा जाता है कि सूर्योदय की पहली किरण मंदिर के गर्भगृह में स्थित अष्टधातु की सूर्य प्रतिमा पर सीधे पड़ती है, और नाटमंडप से यह दृश्य देखने का अनुभव अनोखा होता था। अब यह दृश्य पर्यटक नीचे से ही देख सकेंगे।

पुरी सर्कल के अधिकारियों के अनुसार, मंदिर की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए चारों ओर सुरक्षा घेरा और सूचना पट्ट लगाए जा रहे हैं। इसके साथ ही स्थानीय गाइडों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे नाटमंडप की ऊंचाई पर किसी को न चढ़ने दें।

धरोहर संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम

विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रतिबंध केवल रोक नहीं, बल्कि संरक्षण (Konark Sun Temple Update) का प्रतीक है। कोणार्क सूर्य मंदिर यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल है और इसके पत्थरों पर की गई सटीक नक्काशी भारतीय कला की सर्वोच्च पहचान मानी जाती है। इस प्रतिबंध से स्मारक की दीर्घकालिक संरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित की जा सकेगी।

स्थानीय पर्यटन विभाग का कहना है कि अब यहां आने वाले पर्यटकों को नई सुरक्षा नीति के तहत अधिक व्यवस्थित तरीके से दर्शन करने का मौका मिलेगा। यह कदम भले ही कुछ लोगों को निराश करे, लेकिन लंबे समय में यह हमारे इतिहास और कला की सुरक्षा के लिए आवश्यक साबित होगा।

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