कोरबा/नवप्रदेश। Kidnapped Nurse : शनिवार की रात भिलाई बाजार पीएचसी के बाहर से दो लोगों द्वारा स्कार्पियो में अपहृत की गई नर्स ओम साहू नाटकीय ढंग से वापस लौटी। रविवार की सुबह उसने जिला अस्पताल परिसर पहुंचकर अपने मोबाइल से स्वास्थ्य अधिकारियों को अपहरणकर्ताओं द्वारा छोड़े जाने की जानकारी दी, जिन्होंने उसे पुलिस के पास जाकर सूचना देने को कहा। तब वह एसपी ऑफिस पहुंची।
रविवार को अधिकारियों के नहीं मिलने पर फिर से जिला अस्पताल परिसर के चौकी में पहुंची। इस बीच अपहृत नर्स के जिला अस्पताल में होने की सूचना मिलने पर एसपी भोजराम पटेल समेत पुलिस अधिकारी वहां पहुंचे। महिला का चिकित्सकीय परीक्षण कराने के बाद उसे मानिकपुर चौकी ले जाया गया। उससे घंटो पूछताछ की गई। महिला एसआई भावना खंडारे ने उसका बयान दर्ज किया।
सूत्रों के मुताबिक नर्स ने पुलिस को बताया कि रात की ड्यूटी पर जाते समय करीब 8.30 बजे अस्पताल के बाहर 2 लोगों ने स्कार्पियो में जबरन बिठाकर अज्ञात लोगों ने उसका अपहरण (Kidnapped Nurse) किया। इसके बाद उससे 2 करोड़ की फिरौती मांगी गई। पुलिस को नहीं बताने की धमकी भी दी। दूसरी ओर पुलिस का कहना है कि घटना की जानकारी मिलने के बाद रात में एसपी भोजराम पटेल समेत जिले के आला अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का मुआयना किया। मामले में केस दर्ज किया।
कई बार अपना बयान बदलें
मामले में अपहरणकर्ताओं की पतासाजी की जा रही है। पुलिस ने यह भी कहा कि नर्स ने बयान के दौरान कई बार बयान बदला है। हरदीबाजार अस्पताल में सीसीटीवी नहीं लगे होने का भी जिक्र किया है, जिससे उसकी मानसिक दशा ठीक नहीं होने का पता चलता है। इसलिए बाद में उससे विस्तृत पूछताछ की जाएगी। इधर हरदीबाजार क्षेत्र में चर्चा है कि अपहरण का मामला नर्स के परिवार से ही जुड़ा हो सकता है।
DGP ने SP से ली घटना की जानकारी
डीजीपी अशोक जुनेजा ने नर्स के अपहरण के मामले में रविवार की सुबह एसपी भोजराम पटेल से घटना के संबंध में जानकारी ली। साथ ही कोरबा पुलिस पर मामले को जल्द सुलझाने का भरोसा जताया। एसपी ने उन्हें घटना के बाद पूरे रातभर नाकेबंदी कर जांच-पड़ताल कर संभावित स्थानों पर पतासाजी करना बताया। साथ ही रविवार की सुबह अपहृत नर्स के सकुशल बरामद होने और अपहरणकर्ताओं की पतासाजी जारी होने की जानकारी दी।
बात करते हुए मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया
मामले की जांच-पड़ताल में जुटे पुलिस अधिकारियों में से एक कुसमुंडा टीआई लीलाधर राठौर रविवार की सुबह अपहृत नर्स के घर पहुंचे, तो वहां ताला बंद था। किसी तरह नर्स की बेटी का मोबाइल नंबर लेकर कॉल किया तो उसने मां से बात कराई। पुलिस कुछ पूछ पाती इससे पहले ही मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया गया।
उठ रहे ये सवाल
मामले में पूछा जा रहा है कि अपहरणकर्ता (Kidnapped Nurse) उसे ले गए तो छोड़ा कैसे। हालांकि पुलिस कह रही है कि नाकेबंदी और जांच को देखकर उसे जंगल में छोड़ा गया, लेकिन तगड़ी नाकेबंदी के बाद भी अपरणकर्ता पकड़े क्यों नहीं गए। पुलिस ने रविवार की सुबह कुछ संदिग्ध लोगों से पूछताछ की बात कही थी लेकिन देर शाम को जारी विज्ञप्ति में इसका कोई उल्लेख नहीं किया गया।