कवर्धा/नवप्रदेश। कवर्धा (kawardha chakka jam lifted) में धान खरीदी की मांग को लेकर नेशनल हाईवे (farmers leave national highway) पर चक्काजाम कर प्रदर्शन कर रहे बिरकोना गांव के किसानों ने सात दिन बाद बुधवार को नेशनल हाईवे (farmers leave national highway) को खाली कर दिया।
यह निर्णय जाम के चलते आमजन को हो रही परेशानियों के मद्देनजर लिया गया। यह कवर्धा (kawardha chakka jam lifted) जिले के इतिहास में नेशनल हाईवे पर लगा अब तक का सबसे लंबा चक्काजाम था।
हाईवे जाम के चलते आम व स्कूली छात्र-छात्राओं को तो परेशानी हो ही रही थी। वहीं इस मार्ग से एंबुलेंस सेवा भी बाधित होने के चलते मरीजों की भी परेशानी बढ़ गई थी। इन्हीं समस्याओंं के मद्देनजर किसानों ने हाईवे को खोल दिया।
इसके साथ ही कृषकों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर टोकन कटे हुए कृषकों के धान खरीदने की मांग की है। यह चक्काजाम आंदोलन किसान संघ के बैनर तले हो रहा था। अब किसान संघ ने मुख्यमंत्री के नाम सौंपे ज्ञापन में यह भी कहा है कि यदि 2 दिन में कृषकों की मांग पूरी नहीं होती तो वे उग्र आंदोलन करने को बाध्य हो जाएंगे।
इन मार्गों से भी हटे किसान
राजनांदगांव नेशनल हाईवे (farmers leave national highway) मार्ग ग्राम सलीहा के किसानों ने भी चक्का जाम किया था, जिसे भी हटा दिया गया है। दूसरी ओर राष्ट्रीय राजमार्ग जबलपुर मार्ग पर बोडला क्षेत्र के किसानों द्वारा किया जा रहा चक्काजाम भी वापस ले लिया गया है। इन किसानों द्वारा भी राज्य सरकार के नाम ज्ञापन सौंपते हुए जाम हटा दिया गया है।
कलेक्ट्रेट पर धरना जस का तस
धान खरीदी की मांग को लेकर कुछ किसान कबीरधाम कलेक्टे्रट पर भी धरना दे रहे हैं। इनका धरना बुधवार को 9वें दिन भी जारी रहा। किसान अपनी मांगों को लेकर मुख्य गेट पर जमे हुए हैं। इन कृषकों की यही मांग है कि जिनका टोकन कट चुका है उन किसानों का धान सरकार खरीद लिया जाए।
पूर्व सीएम डॉ. रमन किसानों के समर्थन में
बुधवार को डॉ. रमन सिंह ने कवर्धा (kawardha chakka jam lifted) पहुंचकर कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने अपनी मांगों को लेकर बैठे किसानों को समर्थन दिया था। उन्होंने किसाने के मुद्दे को विधानसभा में पुरजोर तरीके से उठाने की भी बात कही थी।
बोड़ला : 24 घंटे का अल्टीमेटम देकर खोला जाम
रायपुर-जबलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग में पिछले 3 दिन से किसानों द्वारा किए जा रहे चक्का जाम को बुधवार शाम 6 बजे खोल दिया गया। किसानों ने लोगों को हो रही परेशानियों व सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन को 24 घंटे का अल्टीमेटम देकर चक्का जाम खोला है। इस जाम से मीलों दूर मध्यप्रदेश के बिछिया-मंडला तक वाहनों की लंबी लाइनें लग गई थी। किसान संघ के पदाधिकारियों ने विरोध रैली निकालकर धरना स्थल सनी देव मंदिर से थाना पहुंचकर एसडीएम को ज्ञापन देकर धरना प्रदर्शन 24 घंटे के लिए समाप्त किया। किसान संघ के पदाधिकारियों ने तहसील स्तर के अधिकारियों के समक्ष अपनी मांगों को रखा।
कलेक्टर ने जारी की निषेधाज्ञा
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी अवनीश कुमार शरण ने दण्ड प्रक्रिया संहिता 197& की धारा 144 की उपधारा (1) (2) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निषेधाज्ञा जारी की है। इसके तहत कलेक्ट्रेट परिसर एवं परिसर के 100 मीटर दूरी पर रैली, जुलूस, धरना, प्रदर्शन हड़ताल आदि के उद्देश्य से बिना अनुमति के एकत्रित होना प्रतिबंधित होगा।
उन्होंने कहा है कि विभिन्न राजनैतिक दलों एवं संगठनों द्वारा विगत दिनों से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन, धरना प्रदर्शन, नारेबाजी, आमसभा कर आम लोगों के सुगम आवाजाही के लिए उपयोग में लाये जा रहे लोक मार्ग को बाधित कर पब्लिक नूसंस पैदा किया गया है। यह आदेश पुलिस, सीआरपीएफ, एसएएफ तथा कानून व्यवस्था में लगे कर्मियों पर लागू नहीं होगा। इस आदेश का उल्लंघन दण्ड संहिता की धारा 188 के अंतर्गत दण्डनीय होगा। यह आदेश 25 फरवरी से 24 अप्रैल 2020 तक प्रभावशील रहेगा।
नहीं माने तो होगी कार्रवाई
पुलिस विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पहले कलेक्ट्रेट कार्यालय के मेन गेट पर बैठे कृषकों को कार्रवाई के संबंध में अवगत कराया जाएगा। इसके बावजूद भी अगर प्रदर्शन जारी रहा तो तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
किसान बोले- मांगों पर अडिग हैं
धरने पर बैठे किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होगी तब तक वे अपनी मांगों को लेकर डटे रहेंगे। वहीं जब कृषकों से धारा 144 की उप धारा के संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस विषय में अब तक उन्हें कोई जानकारी नहीं मिली है उनसे फिर पूछा गया क्या इस जानकारी के बाद भी आप धरने पर बैठे रहेंगे तो कृषकों का कहना था कि वे अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं।