Kartik Amavasya 2025 : सनातन परंपरा में कार्तिक अमावस्या को लक्ष्मी पूजन और दीपोत्सव का दिन माना जाता है। इस वर्ष अमावस्या तिथि दो दिन पड़ रही है।
20 अक्टूबर 2025 (सोमवार) – दीपावली, लक्ष्मी पूजन, दीपदान
21 अक्टूबर 2025 (मंगलवार) – स्नान-दान और श्राद्ध की अमावस्या
कार्तिक अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर को दोपहर 2:56 बजे से शुरू होकर 21 अक्टूबर को शाम 4:26 बजे तक रहेगी।
शास्त्रीय आधार
निर्णय सिंधु और धर्म सिंधु के अनुसार दीपावली का पर्व प्रदोष काल में अमावस्या तिथि मिलने पर ही मनाया जाता है।
20 अक्टूबर को प्रदोष व निशीथ काल दोनों में अमावस्या होने से दीपावली इसी दिन (20 अक्टूबर) को मनाई जाएगी।
21 अक्टूबर को सूर्यास्त (5:40 बजे) से पहले ही अमावस्या समाप्त हो जाएगी और कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा लग जाएगी।
विशेष योग
इस बार कार्तिक अमावस्या पर भौमवती अमावस्या का संयोग है।
मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान से सहस्त्र सूर्यग्रहण का पुण्यफल मिलता है।
ब्रह्म पुराण के अनुसार, इसी रात लक्ष्मी-कुबेर भ्रमण करते हैं और घर-घर दीपदान करने का महत्व है।
पूजन मुहूर्त (Diwali Puja Muhurat 2025)
मुख्य पूजन काल (प्रदोष काल) : सूर्यास्त से लेकर लगभग 48 मिनट तक
स्थिर लग्न वृषभ : शाम 7:10 बजे से रात 9:06 बजे तक – लक्ष्मी पूजन के लिए श्रेष्ठ समय
दिवसीय स्थिर लग्न कुंभ : दोपहर 2:34 से शाम 4:05 बजे तक
निशीथ काल – महाकाली पूजन : मध्यरात्रि बाद (सिंह लग्न में)