हेमन्त धोटे
रायपुर/बेंगलुरु/नवप्रदेश। कर्नाटक की नई कांग्रेस सरकार ने अपने चुनावी वादे में दस किलो मुफ्त चावल देने की घोषणा की थी। इस घोषणा को पूरा करने के लिए सिद्धरमैया सरकार ने जैसे ही योजना बनाई तो केन्द्र सरकार ने 13 जून को एक पत्र जारी कर एफसीआई को चावल देने से मना कर दिया। कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार के चुनावी वादे को पूरे करने में अब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मदद का हाथ बढ़ाया है।
छत्तीसगढ़ सरकार समर्थन मूल्य पर कर्नाटक सरकार को चावल देगी। लेकिन यदि लंबे समय तक चावल नहीं दिया जा सका तो कर्नाटक सरकार लाभार्थियों को उस चावल की कीमत का पैसा भी दे सकती है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि भारतीय खाद्य निगम से 2.28 लाख टन चावल की मांग की थी और मांग मंजूर भी हो गई लेकिन दूसरे ही दिन केन्द्र सरकार ने आदेश जारी कर एफसीआई को पत्र लिखकर कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों को छोड़कर अन्य राज्यों को चावल और गेंहू की ब्रिकी बंद करें। एफसीआई अपने अनाज को खुले बाजार में बेचे।
छत्तीसगढ़ का ऑफर प्राइस ज्यादा
केन्द्र सरकार ने एफसीआई का चावल देने से मना कर देने पर सिद्धारमैया सरकार को बड़ा झटका लगा है। वहीं सिद्धारमैया सरकार से मुख्यंमत्री भूपेश बघेल ने 1.5 लाख टन चावल देने का वादा किया है। सिद्धारमैया सरकार ने पड़ोसी राज्य तेलंगाना से चावल लेने की मांग की लेकिन उन्होंने चावल देने से मना कर दिया है। आंध्रप्रदेश से भी चावल खरीदने की बातचीत चल रही है। लेकिन अभी तक कोई बात नहीं बन पाई है। सिद्धारमैया सरकार ने कहा है कि एफसीआई का रेट 3400 रुपये प्रति क्विलंट और परिवहन में 2.60 रुपए प्रति किलो की लागत के मुकाबले छत्तीसगढ़ का ऑफर प्राइस ज्यादा है।