नई दिल्ली/नवप्रदेश। Karnataka Election : कर्नाटक जीत से कांग्रेस पार्टी को जहां एक नई ताकत मिली है वहीं इससे मल्लिकार्जुन खरगे के नेतृत्व और राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की अहमियत भी सामने आयी है। खरगे के नेतृत्व में पार्टी की हिमाचल प्रदेश के बाद दूसरी बड़ी जीत है।
यात्रा ने पार्टी के लिए पूरे राज्य में बनाया अनुकूल माहौल
कर्नाटक में उनके नेतृत्व की अहमियत इसलिए ज्यादा बढ़ जाती है क्योंकि वह दलित नेता होने के साथ ही उस राज्य से ताल्लुक भी रखते है। उन्हें अपने राज्य की पूरी समझ और नेताओं की आपसी गुटबाजी से भी पूरी तरह से वाकिफ है।
ऐसे में उन्होंने शीर्ष स्तर पर किसी तरह की ऐसी कोई चूक नहीं होने दी, जिससे आपसी गुटबाजी मुखर रूप ले सके। जिसका फायदा पार्टी को मिला। दूसरी ओर राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को भी श्रेय दिया जा रहा है। चुनाव से ठीक पहले कर्नाटक पहुंची इस यात्रा ने पार्टी के लिए पूरे राज्य में न सिर्फ अनुकूल माहौल बनाया बल्कि प्रदेश के कार्यकर्ताओं में एक नया उत्साह भी फूंका।
उनकी यह यात्रा राज्य के जिन क्षेत्रों से होकर गुजरी थी, वहां की लगभग 75 फीसद सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की। पार्टी की मानें तो राहुल गांधी की यात्रा कर्नाटक के 35 विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरी थी, उनमें से करीब 26 सीटों पर कांग्रेस पार्टी ने जीत दर्ज की।
34 साल का टूटा रिकॉर्ड
कर्नाटक में सभी विधानसभा सीटों (Karnataka Election) के नतीजे लगभग सामने आ चुके हैं। कांग्रेस ने पूर्ण बहुमत के साथ सत्ताधारी बीजेपी को पटखनी दी है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने सबसे बड़ी जीत दर्ज की है। इतिहास के पन्नों को पलटकर देखें, तो 34 साल में किसी भी पार्टी ने वोट शेयर और सीटों के मामले में यहां इतनी बड़ी जीत दर्ज नहीं की है। कर्नाटक में कांग्रेस ने 34 साल का रिकॉर्ड तोड़ा है। इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने ही 1989 में सबसे बड़ी जीत दर्ज की थी। कांग्रेस ने वीरेंद्र पाटिल ने नेतृत्व में चुनाव लड़ा और पार्टी ने 178 सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं, इस दौरान 43.76 फीसदी वोट शेयर रहा था।
ये रहा वोट शेयर
1994 जेडीएस– 1994 में जेडीएस ने एचडी देवेगौड़ा के नेतृत्व में 115 सीटों पर जीत दर्ज की थी और इस दौरान जेडीएस का वोट शेयर 33.54 फीसदी रहा था।
1999 कांग्रेस– कांग्रेस पार्टी ने इस दौरान पूर्ण बहुमत से जीत हासिल की थी। कांग्रेस ने एसएम कृष्णा को कर्नाटक की कमान सौंपी थी। कांग्रेस ने 1999 में 132 सीटों पर जीत दर्ज की थी और पार्टी को 40.84 फीसदी वोट शेयर रहा था।
2004 बीजेपी– भारतीय जनता पार्टी ने 2004 में सबसे ज्यादा सीटों पर जीत हासिल हुई थी। इस दौरान बीएसवाई के नेतृत्व में पार्टी ने चुनाव लड़ा था। बीजेपी को 79 सीट और 28.33 फीसदी वोट शेयर रहा था।
2008 बीजेपी– 2004 में जीत के बाद एक बार बीजेपी ने बीएसवाई के नेतृत्व में चुनाव लड़ा और पार्टी पहले से ज्यादा सीट और वोट प्रतिशत में भी इजाफा हुआ। वहीं, भारतीय जनता पार्टी को 110 सीट और 33.86 फीसदी वोट शेयर रहा था।
2013 कांग्रेस– वहीं, 2013 में एक बार फिर कांग्रेस ने कर्नाटक की जनता का दिल जीता और सत्ता हासिल की। इस दौरान कांग्रेस ने सिद्धारमैया को राज्य की कमान सौंपी थी। 2013 में कांग्रेस ने 122 सीटों पर जीत दर्ज की थी और पार्टी का 36.6 फीसदी वोट शेयर रहा था।
2018 बीजेपी– भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर 2018 में बीएसवाई के नेतृत्व में चुनाव लड़ा और सत्ता हासिल की। इस दौरान पार्टी ने 104 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसके साथ ही पार्टी का 36.3 फीसदी वोट शेयर रहा था।
भारत जोड़ो यात्रा के सकारात्मक परिणाम
वहीं, कर्नाटक चुनाव में पार्टी की सफलता को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के सकारात्मक परिणाम के रूप में भी देखा जा रहा है। राहुल गांधी कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी की जीत की खबरों के बाद मुख्यालय पहुंचे और मीडिया से बातचीत की। मीडिया से बातचीत करते हुए राहुल गांधी ने कर्नाटक की जनता का आभार व्यक्त किया। इसके साथ ही उन्होंने कर्नाटक के सभी पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की बधाई दी।
उन्होंने कहा कि इस चुनाव में हमें जीत दिलाने के लिए कर्नाटक की जनता (Karnataka Election) का शुक्रिया। राहुल गांधी ने कहा कि कर्नाटक में अब नफरत का बाजार बंद हुआ है और अब मोहब्बत की दुकान खुल गई है। राहुल ने आगे कहा कि कर्नाटक की जनता से हमने पांच वादे किए थे और हम इन वादों को पहले दिन पहली कैबिनेट में पूरा करेंगे। राहुल गांधी ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि कर्नाटक की जनता किए हुए पांच वादों को वह सबसे पहले पूरा करेंगे।