कानपुर, नवप्रदेश। कानपुर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। जिसको सुनकर किसी को भी यकीन नहीं होगा। कोरोना काल में 2021 को हुई मौत के बाद व्यक्ति को परिवार वालों ने उसे 17 महिनों तक घर पर (Kanpur News) रखा। यह सोचकर कि वो मरा नहीं हैं बल्कि कोमा में गया है। मृतक का बिल्कुल उसी तरह ध्यान रखा जाता था।
जिस तरह घर में एक बीमार व्यक्ति का और जिंदा व्यक्ति का ध्यान रखा जाता था। बैंक मैनेजर पत्नी सुबह पैर छूकर ऑफिस जाती और कहकर जाती कि जल्दी लौटूंगी। बच्चे अपने मरे हुए पिता के शरीर से लिपटते रहते और जल्दी होश में आने का इंतजार (Kanpur News) करते।
हैरान करने वाली बात ये है कि परिवार वालों ने एक बार भी ये नहीं सोचा कि 17 महिने से बिना कुछ खाए-पिए कोई भई इंसान कैसे जिंदा रह सकता है। लेकिन फिर भी पूरा परिवार उसके साथ रह रहा (Kanpur News) था।
परिवार तो यह भी दावा करता है कि उन्होने बॉडी को सड़ने से बचाने के लिए किसी भी तरह के कैमिकल का उपयोग नहीं किया था। क्योंकि मौत के बाद कोई भी बॉडी 4 दिन के बाद सड़ने लगती है।
इस बात का खुलासा तब हुआ जब जब बीते रोत आयकर विभाग की टीम मृतक के यहां पुलिसकर्मी और मजिस्ट्रेट, स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ एक मामले की जांच के लिए व्यक्ति के घर पहुंचे तो इस मामले का खुलासा हुआ और उन्हे उसका शव मिला।
22 अप्रैल 2021 को बिरहना रोड के एक हॉस्पिटल में डॉक्टरों ने इलाज के दौरान उन्हें मृत घोषित कर दिया। 23 अप्रैल को परिजन अंतिम संस्कार करने जा रहे थे तो उन्हें बॉडी में हरकत का एहसास हुआ।
परिवार वालों ने ऑक्सीमीटर लगाकर देखा तो पल्स रेट और ऑक्सीजन लेवल बताने लगा। तब परिवार ने अंतिम संस्कार करने की बजाए फिर हॉस्पिटल में एडमिट कराने की कोशिश की,
डेढ़ साल तक घर में शव रखे रहे और आयकर विभाग की टीम उनकी जांच करने घर पहुंची तो कल यानी 23 सितंबर 2022 को मौत का खुलासा हुआ।