उदयपुर/नवप्रदेश। Kanhaiyalal’s killer : मौत अगर सामने हो तो अच्छे अच्छो अपराधियों के होश फाख्ता हो जाते है। दरअसल, एनआईए अधिकारियों की तगड़ी पूछताछ से भयभीत दोनों आरोपी अधिकारियों से बार-बार एक ही सवाल पूछ रहे हैं कि क्या कोर्ट हमें उम्रकैद देगी या फांसी दी जाएगी?
हत्यारे खोल रहे हैं हत्या से जुड़े राज
इससे साफ है कि कन्हैया (Kanhaiyalal’s killer) की हत्या करने से पहले और गला काटते समय और उसके बाद दादागिरी से वीडियो बनाने वाले हत्यारे रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद को अब मौत का डर सता रहा है। निश्चय ही आरोपियों में यह डर, सुकून देने वाली खबर है।
इधर, एनआईए अधिकारी की पूछताछ में हत्यारे हत्याकांड से जुड़े राज उगलवा रहे हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जो केस दर्ज किया है, उसमें उसने आरोप लगाया है कि हत्यारों के मंसूबे खतरनाक थे। उन्होंने कन्हैयालाल तेली की हत्या के वीडियो को सोशल मीडिया पर डाला। ताकि लोगों में धार्मिक आधार पर वैमनस्य बढ़े, साथ ही देशभर में लोगों में दहशत और आतंक का माहौल बने।
पहला- 2611 नंबर लेने RTO को किया था अतरिक्त भुगतान
हत्यारे गौस मोहम्मद की स्कूटी शुक्रवार को कन्हैयालाल की दुकान से थोड़ी दूरी पर मिला। इसका नंबर आरजे 27 बीएस 1226 है। कन्हैया की हत्या के बाद से यह स्कूटी यहीं खड़ी हुई थी। इसे 2013 में ही खरीदी गई थी। इससे पहले पुलिस को आरोपी रियाज अत्तारी की पल्सर बाइक मिली थी। जिसका नंबर आरजे 27 एस 2611 है। इस बाइक को रियाज ने 2013 में ही खरीदा था। 2611 नंबर लेने के लिए उसने आरटीओ को पांच हजार रुपये का अतरिक्त भुगतान भी किया था।
दूसरा- आरोपी गौस था आतंकवादी संगठन के संपर्क में
आरोपी गौस मोहम्मद आतंकी सलमान हैदर और अबू इब्राहिम के संपर्क में था। यह दोनों पाकिस्तान में बैठकर आंतक फैलाने का काम करते हैं। गौस मोहम्मद ने ही रियाज अत्तारी को कट्टरपंथी बनने के लिए उकसाया था। साथ ही ब्रेनवॉश कर अपनी टीम में शामिल कर लिया। हत्यारे गौस को आतंकी सलमान हैदर ने कट्टरपंथी बनने की ट्रेनिंग दी थी। सलमान ने ही उसका संपर्क अबू इब्राहिम से कराया था।
तीसरा- कराची से 15 दिन की ट्रेनिंग लेकर आए थे
आरोपी रियाज और गौस पाकिस्तान के कराची गए थे। 2014-15 में दोनों ने वहां 15 दिन की ट्रेनिंग ली थी। हत्यारे पाकिस्तान में दावत-ए-इस्लामी संगठन से भी जुड़े हुए थे। कराची से आने के बाद दोनों आरोपी अपने समाज के युवाओं को धर्म के प्रति कट्टरपंथी बना रहे थे। उन्होंने एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया था जिसमें भड़काऊ वीडियो और मैसेज भेजकर युवाओं का ब्रेनवॉश किया जा रहा था। पाकिस्तान के कुछ मोबाइल नंबरों पर दोनों की लगातार बात हो रही थी।
चौथा- बेरोजगार युवाओं का ब्रेनवॉश कर उन्हें ISIS स्लीपर सेल से जोड़ रहे थे
रियाज और गौस के अलसूफा (Kanhaiyalal’s killer) से भी जुड़े होने की बात सामने आई थी। यह संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के रिमोट स्लीपर सेल के तौर पर काम करता है। रियाज पिछले पांच साल से अलसूफा के लिए राजस्थान के आठ जिलों में स्लीपर सेल बना रहा था। दोनों उदयपुर, भीलवाड़ा, अजमेर, राजसमंद, टोंक, बूंदी, बांसवाड़ा और जोधपुर में बेरोजगार युवाओं का ब्रेनवॉश कर आईएसआईएस के स्लीपर सेल से जोड़ रहे थे। दोनों को अरब देशों से फंडिग भी मिली थी।