मुंबई। Javed-Kangana : जावेद अख्तर द्वारा दायर मानहानि मामले में गिरफ्तारी वारंट की दो चेतावनियों के बाद बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत सोमवार को अंधेरी मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश हुईं, लेकिन कहा कि उन्होंने इस अदालत से विश्वास खो दिया है और मामले को दूसरी अदालत में स्थानांतरित किए जाने मांग की। कंगना के वकील रिजवान सिद्दीकी ने कहा कि उनकी मुवक्किल ने अख्तर पर ‘आपराधिक धमकी’ और ‘जबरन वसूली’ का आरोप लगाते हुए मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (CMM) की अदालत में एक जवाबी शिकायत दर्ज कराई है।
सिद्दीकी ने बताया कि दोनों मामलों की सुनवाई अब सीएमएम करेगी, क्योंकि अभिनेत्री का अंधेरी मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट आर.आर. खान पर से विश्वास उठ गया है।
मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट खान सोमवार को अख्तर (Javed-Kangana) की याचिका पर सुनवाई करने वाले थे, जिसमें उन्होंने 19 जुलाई, 2020 को रिपब्लिक टीवी के साथ एक साक्षात्कार में रनौत पर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में उनका नाम खींचकर उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने का आरोप लगाया था।
सिद्दीकी ने मामले के स्थानांतरण की मांग करते हुए कहा कि जमानती, कंपाउंडेबल अपराध में कंगना की अदालत में पेश होने की जरूरत को लेकर कहा कि चूंकि अदालत ने कई मौकों पर कहा है कि कंगना रनौत के खिलाफ वारंट जारी किया जाएगा, जो सहज नहीं है और उनकी मुवक्किल ने इस अदालत में ‘विश्वास खो दिया है’।
अख्तर के वकील जय भारद्वाज ने इस तर्क का विरोध करते हुए कहा कि कंगना प्रत्येक सुनवाई के दौरान ‘विचित्र’ कारण बताती रहीं, जिसके बाद मजिस्ट्रेट ने सुनवाई 15 नवंबर के लिए स्थगित कर दी।
कंगना (Javed-Kangana) को 14 सितंबर को पेशी से अंतिम छूट देने के बाद मजिस्ट्रेट ने चेतावनी दी थी कि अगर वह 1 फरवरी को जारी समन का सम्मान करने में विफल रहती हैं और अगली सुनवाई के समय सोमवार को पेश नहीं होंगी तो अदालत गिरफ्तारी वारंट जारी करेगी।
सीएमएम अदालत के समक्ष दर्ज कराई अपनी जवाबी शिकायत में कंगना ने दावा किया है कि जावेद अख्तर ने अभिनेता ऋतिक रोशन के साथ विवाद के दौरान उन्हें और उनकी बहन रंगोली चंदेल को गलत इरादों से अपने घर बुलाया और उन्हें आपराधिक रूप से रोशन से माफी मांगने के लिए कहा।
इस महीने की शुरुआत में, बॉम्बे हाईकोर्ट ने अंधेरी मेट्रोपॉलिटन कोर्ट के समक्ष कार्यवाही को रद्द करने के लिए दायर उनकी याचिका को खारिज कर दिया था, यह देखते हुए कि (मजिस्ट्रेट) ने अपने दिमाग का इस्तेमाल किया और अख्तर द्वारा दायर मामले में अभिनेत्री को अदालत में तलब करने से पहले सभी पहलुओं पर विचार किया।