कंगालीस्तान (Kangalistan) बन चुके आतंकिस्तान (Made up terrorism) ने गधे, कुत्ते, चील, कौए आदि सब बेच कर देख लिए लेकिन उसकी कंगाली दूर नहीं हो पाई (Kangali did not get away)। खैरात भी नहीं मिल रही है। आतंकिस्तानी क्रिकेट टीम (Terrorist cricket team) के कप्तान रहे इमरान खान (imran khan) ने क्रिकेट से ही चार पैसे कमाने की कवायद की लेकिन कोई भी देश वहां क्रिकेट (cricket) खेलने तैयार नहीं है। पता नहीं कब बॉल की जगह बम फेंक दिया जाए। 10 साल बाद श्रीलंका की बी-टीम वहां क्रिकेट खेलने गई है लेकिन मैच के दौरान स्टेडियम खाली था। आतंकिस्तानियों के पास मैच के टिकट लेने को पैसे ही नहीं है। खूनी खेल खेलने वाले खेलीस्तान में क्रिकेट का खेल खत्म होना ही है।