नई दिल्ली, 26 मई| Jyoti Malhotra Spy Case : ज्योति मल्होत्रा एक नाम जो कुछ दिन पहले तक केवल यूट्यूब के ट्रैवल व्लॉग्स तक सीमित था, अब देश की सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर है। जहां बाकी खबरें ज्योति की गिरफ्तारी को सीधे “जासूसी” से जोड़ रही हैं, वहीं इस पूरे मामले का एक डिजिटल और साइकोलॉजिकल पहलू भी सामने आ रहा है।
सूत्रों की मानें तो ज्योति मल्होत्रा के मोबाइल डाटा से खुलासा हुआ है कि वह सिर्फ पाकिस्तान के यूट्यूबर जीशान हुसैन से संपर्क में नहीं थी, बल्कि पाकिस्तान की “सॉफ्ट पॉवर” इमेज बिल्डिंग का हिस्सा बन चुकी (Jyoti Malhotra Spy Case)थी। ये सिर्फ एक यूट्यूबर की मुलाकात नहीं थी — यह एक कंटेंट के ज़रिए ‘डिजिटल नैरेटिव’ को बदलने की कोशिश भी हो सकती है।
ज्योति का पाकिस्तान दौरा धार्मिक वीजा पर हुआ था, लेकिन धार्मिक स्थलों की आड़ में उसने जिस तरह से वीडियो कंटेंट बनाए और पाकिस्तान की छवि को सुधारा, वह खुद में एक रणनीतिक कोशिश मानी जा रही है। जीशान के साथ उनके वीडियो में खासतौर पर इस बात को दिखाने की कोशिश की (Jyoti Malhotra Spy Case)गई कि पाकिस्तान हिंदुओं के धार्मिक स्थलों का कितना सम्मान करता है।
सवाल यह है कि क्या यह सब ‘ट्रैवल वीडियो’ की आड़ में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों की कोई योजना थी? क्या सोशल मीडिया पर “इन्फ्लुएंस” के जरिए भारत में पाकिस्तान को एक ‘सॉफ्ट और पॉजिटिव नेशन’ दिखाने की एक बड़ी चाल खेली जा रही थी?
जांच एजेंसियां इस बात की पड़ताल कर रही हैं कि क्या यह सब सिर्फ “इमेज बिल्डिंग” था या इसके पीछे और भी गहरी साजिशें छुपी हैं। क्या यह यूट्यूब की आड़ में डिजिटल डिप्लोमेसी (Jyoti Malhotra Spy Case)थी या एक योजनाबद्ध इन्फॉर्मेशन वॉर?