-सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ का कार्यकाल नवंबर में समाप्त हो रहा
नई दिल्ली। Justice Sanjiv Khanna Chief Justice of India: मुख्य न्यायाधीश डी. वाई चंद्रचूड़ ने सरकार को पत्र लिखकर अपने बाद संजीव खन्ना को मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने का अनुरोध किया है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर, 2024 को अपने पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इसलिए उन्होंने देश के अगले मुख्य न्यायाधीश के लिए जस्टिस संजीव खन्ना का नाम केंद्र सरकार को भेजा है। सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति आम तौर पर वरिष्ठता के सिद्धांत पर की जाती है। तदनुसार, मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की सिफारिश की है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश धनंजय चंद्रचूड़ ने औपचारिक रूप से न्यायमूर्ति संजीव खन्ना (Justice Sanjiv Khanna Chief Justice of India) को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है। केंद्र सरकार के कानून मंत्रालय को भेजे पत्र में चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा है कि चूंकि वह 11 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं, इसलिए जस्टिस खन्ना उनके उत्तराधिकारी होंगे। अगर सरकार से मंजूरी मिल गई तो जस्टिस खन्ना भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश बन जाएंगे। उनका कार्यकाल छह महीने का होगा, जो 13 मई 2025 को खत्म होगा। इसके बाद वह रिटायर हो जायेंगे।
मुख्य न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम का प्रमुख होता है, जो सुप्रीम कोर्ट और देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति की सिफारिश करता है। मुख्य न्यायाधीश डी. वाई चंद्रचूड़ दो साल तक पद पर रहने के बाद रिटायर हो जाएंगे। उन्होंने अपना कार्यकाल खत्म होने से पहले अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश की है।
कौन हैं जस्टिस संजीव खन्ना?
जहां तक जस्टिस संजीव खन्ना की बात है तो वह 14 साल तक दिल्ली हाई कोर्ट के जज रहे हैं। उनका जन्म 14 मई 1960 को हुआ था। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस लॉ सेंटर से कानून की पढ़ाई की। स्नातक स्तर की पढ़ाई के बाद, उन्होंने 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में एक वकील के रूप में दाखिला लिया। उन्हें 2019 में सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किया गया था।
दिल्ली उच्च न्यायालय से सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना 11 नवंबर, 2024 को छह महीने के कार्यकाल के लिए मुख्य न्यायाधीश का पद संभालेंगे। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना 13 मई, 2025 तक पद पर रहेंगे। इसके बाद वह रिटायर हो जायेंगे। उन्हें जनवरी 2019 में दिल्ली उच्च न्यायालय से सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत किया गया था। वर्तमान में वह कंपनी कानून, मध्यस्थता, सेवा कानून, समुद्री कानून, नागरिक कानून और वाणिज्यिक कानून से संबंधित मामलों को संभाल रहे हैं। संजीव खन्ना ने आयकर विभाग में वरिष्ठ वकील के रूप में भी काम किया। वह दिल्ली में कई आपराधिक मामलों में सरकारी वकील के रूप में भी पेश हुए हैं।
आरक्षण के मुद्दे पर सुनवाई
अपने साढ़े चार साल के कार्यकाल के दौरान, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने 358 बेंचों के सदस्य के रूप में कार्य किया है और 90 से अधिक मामलों में निर्णय दिए हैं। 2023 में उन्होंने शिल्पा शैलेश मामले में संविधान पीठ का फैसला सुनाया। वह उस पीठ का भी हिस्सा थे जिसने भोपाल गैस त्रासदी के पीडि़तों के लिए अतिरिक्त मुआवजे की मांग वाली याचिका पर फैसला किया था। पिछले साल वह उस पीठ का भी हिस्सा थे जिसने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए पदोन्नति में आरक्षण के मुद्दे पर सुनवाई की थी।