नई दिल्ली, नवप्रदेश। मोस्ट वांटेड माओवादियों पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानि एनआईए ने इनामी राशि (Jheeram Kand) बढ़ा दी है। एनआईए ने झीरम घाटी के मास्टरमाइंड माओवादी बाला केशव राव उर्फ गगन्ना पर 50 लाख और नक्सलियों के बटालियन नंबर-1 का कमांडर माडवी हिड़मा पर 25 लाख रुपये का इनाम घोषित (Jheeram Kand) किया है।
झीरम घाटी नक्सली हिंसा, दंतेवाड़ा विधायक भीमा मंडावी हत्याकांड सहित कई बड़ी वारदातों में यह दोनों मुख्य आरोपी हैं। दोनों नक्सली सुरक्षा बलों को चकमा देकर फरार हैं। इन वांटेड माओवादियों की एनआईए को लंबे समय (Jheeram Kand) से तलाश है।
बता दें कि बस्तर की झीरम घाटी वारदात के दौरान बसवराज नक्सलियों के सेंट्रल मिलिट्री कमीशन का हेड था। वह झीरम कांड के दौरान गगन्ना के नाम पर बस्तर में सक्रिय था। कई गिरफ्तार व समर्पित नक्सलियों ने पुलिस पूछताछ के दौरान गगन्ना की मौजूदगी की पुष्टि भी की है।
एनआईए ने नक्सलियों की बटालियन नंबर एक का मुख्य कमांडर माडवी हिड़मा की तस्वीर जारी की है। एनआइए ने हिड़मा को सुकमा जिले के जगरगुंडा थाना क्षेत्र के पूवर्ती गांव का निवासी बताया है।
हिड़मा को संतोष उर्फ इंदमुल उर्फ पोडियाम भीमा जैसे कई नामों से भी जाना जाता है। वह छत्तीसगढ़ सहित कई नक्सल प्रभावित राज्यों की पुलिस के लिए मोस्ट वांटेड नक्सली है।
6 राज्यों की पुलिस को है दोनों की तलाश-
बता दें कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने भी इन दोनों नक्सलियों पर एक करोड़ रुपये तक का इनाम घोषित किया है। इनकी तलाश छत्तीसगढ़ के साथ-साथ आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र को है।
अब तक इन नक्सलियों को पकडऩे की सभी कोशिशें असफल साबित हुई हैं। हिड़मा पीपल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) का कमांडर है, जिस पर एनआईए ने 25 लाख रुपये इनाम घोषित किया गया है।
वह छत्तीसगढ़ के सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा में सक्रिय है। वहीं, आंध्र प्रदेश के खूंखार नक्सली नंबाला केशव राव उर्फ बसवराज पर 50 लाख रुपये का इनाम घोषित किया है। जानकारी के मुताबिक हिड़मा करीब 45 से 50 साल के उम्र का नक्सली है। दुर्दांत नक्सली सुकमा जिले के पूर्वती गांव का आदिवासी है।
हिड़मा 90 की दशक में नक्सली बना था। वर्तमान में पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी की बटालियन नंबर-1 का मुखिया और साउथ सब जोनल कमांडर इन चीफ का सदस्य भी है। दुर्दांत नक्सलियों में हिड़मा की गिनती होती है।
वर्ष 2010 में ताड़मेटला में हुए नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 76 जवानों की शहादत में हिड़मा की भूमिका है। वर्ष 2017 में बुरकापाल में हुए हमले में भी हिड़मा मास्टरमाइंड था, जिसमें 25 जवान शहीद हुए थे।