रांची, नवप्रदेश। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर विभिन्न जिलों के प्राथमिक शिक्षकों ने शनिवार को हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ रांची की सड़कों पर जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया।
शिक्षकों ने इस दौरान मुख्यमंत्री आवास को घेरने की कोशिश की, लेकिन कुछ दूर पहले ही प्रशासन ने उन्हें रोक दिया। नाराज शिक्षकों ने कहा कि अगर उनकी मांगों पर गंभीरता पूर्वक विचार नहीं किया गया तो 17 दिसंबर 2022 से वह अनशन करेंगे। यह अनशन अनिश्चितकालीन होगा।
जानकारी के अनुसार, करीब 15 हजार प्राथमिक शिक्षक रांची के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान के बाबू वाटिका में एकत्र हुए। इसके बाद जुलूस के रूप में रेडियम रोड, कचहरी चौक तथा राजभवन होते हुए मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़ने लगे।
लेकिन बड़ी संख्या में तैनात पुलिस प्रशासन ने इन्हें सीएम आवास नहीं घेरने दिया। प्रदर्शन के दौरान शिक्षक सरकार विरोधी नारेबाजी कर रहे थे। इनका कहना था कि सरकार इनकी मांगों पर गंभीरतापूर्वक विचार नहीं कर रही है। इस कारण इन्हें क्षति हो रही है।
प्रदर्शन कर रहे प्राथमिक शिक्षकों का कहना है कि उन्हें राज्य कर्मचारियों की तरह एमएसीपी का लाभ दिया जाए। यही नहीं छठे वेतन आयोग की विसंगतियों को दूर कर एंट्री पे स्केल की सुविधा दी जाए।
शिक्षकों की तीसरी मांग यह है कि अंतरजिला स्थानांतरण नियमावली को सरल व सुगम बनाया जाए, ताकि अधिक से अधिक शिक्षक इस योजना का लाभ उठा सकें। इसी तरह इन शिक्षकों की चौथी मांग है कि इनको लिपिकीय तथा गैर शैक्षणिक कार्यों से पूरी तरह से मुक्त रखा जाए।
मालूम हो कि प्रदर्शन से कुछ दिन पहले इन शिक्षकों ने काला बिल्ल्ला लगाकर अपनी मांगों की ओर हेमंत सोरेन सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया था। बावजूद जब सरकार ने इनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया तो इन्होंने शनिवार को सीएम आवास घेराव की योजना बनाई, हालांकि ये सीएम आवास को घेरने में नाकाम रहे।