रांची, नवप्रदेश। झारखंड के किसानों को कृषि ऋण माफी योजना का लाभ देने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार पूरी तरह से कमर कसी हुई है। हाल में एक समीक्षा बैठक के दौरान सीएम सोरेन अधिकारियों से कहा है कि बैंकों के साथ तालमेल बिठाकर पात्र किसानों को लोन माफी योजना का लाभ दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने प्रखंड स्तर पर इसके लिए डेटाबेस तैयार करने को भी कहा है। सरकार का स्पष्ट मत है कि जो भी किसान इस योजना का लाभ नहीं उठा पाए हैं, उनहें मुकम्मल सहयोग दी जाए। राज्य में 12 लाख से ज्यादा किसान पर कोई ना कोई कर्ज का बोझ है।
झारखंड कृषि ऋण माफी योजना के तहत 50 हजार रुपए तक का कृषि लोन माफ किए जाने की व्यवस्था है। इसके लिए 1 फरवरी, 2021 से ही ऋण माफी पोर्टल शुरू की गई थी और सरकार की ओर से लगातार इसपर ध्यान दिया गया है।
राज्य सरकार ने इस योजना की तामील के लिए 2,000 रुपए की रकम आवंटित करने की मंजूरी दी है। झारखंड खनिज संपदा से परिपूर्ण राज्य है, लेकिन इसकी अधिकांश आबादी खेती और उससे जुड़ी गतिविधियों पर ही निर्भर है। ऐसे में राज्य सरकार की इस योजना का लाभ लाखों लोगों तक पहुंच रहा है।
जानकारी के मुताबिक अभी तक बैंक को हस्तांतरित कुल लाभार्थियों की संख्या 4,02,110 तक पहुंच चुकी है। जबकि, 3,68,022 का सफल ऑनलाइन भुगतान भी किया जा चुका है।
इस योजना का मूल उद्देश्य किसानों को लोन के बोझ से राहत देना है। साथ ही साथ राज्य से किसानों का पलायन रोकना है और राज्य में कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है।