Site icon Navpradesh

Jansunvai : पेशे का दुरूपयोग…अधिवक्ता के लाइसेंस निलंबन की सिफारिश

Jansunvai : Abuse of profession...recommendation of suspension of advocate's license

Jansunvai

राज्य महिला आयोग की सुनवाई में शामिल हुए नवनियुक्त सदस्यगण

रायपुर/नवप्रदेश। Jansunvai : छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने अपने तीन नवनियुक्त सदस्यों नीता विश्वकर्मा, अर्चना उपाध्याय और शशिकांत राठौर के साथ बुधवार को महिलाओं से संबंधित मामलों पर जन सुनवाई की। इस दौरान उन्होंने अधिवक्ता जैसे संवेदनशील पद की गरिमा नहीं रखने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए वकालत का लाइसेंस निलंबित करने की सिफारिश की। शास्त्री चौक स्थित आयोग कार्यालय में महिलाओं से जुड़े मामलों को लेकर जनसुनवाई हुई। इसके साथ ही तलाक, भरण-पोषण न देना, पहली पत्नी के रहते दूसरी को घर ले आना सहित दर्जनभर से अधिक मामलों को सुलझाया।

महिलाओं पर बुरी नीयत रखता था वकील

अनावेदक अधिवक्ता के द्वारा बिना पढ़े लिखे आयोग के समक्ष (Jansunvai) आदेश पत्रक हस्ताक्षर करने और आवेदिका के ऊपर छेड़छाड़, बुरी नियत रखने के साथ अनावेदक व्यवसायिक कदाचरण का दोषी पाया। इसकी सुनवाई के बाद अध्यक्ष ने अनावेदक अधिवक्ता का लायसेंस निलंबित किये जाने की अनुशंसा उच्च न्यायालय बिलासपुर अधिवक्ता संघ और रायपुर अधिवक्ता संघ में आदेश पत्रक की प्रमाणित प्रतिलिपि एवं सम्पूर्ण दस्तावेज के साथ एक पत्र लिखने के निर्देश दिए। जिससे अनावेदक इस तरह से किसी महिला को प्रताडि़त न कर सकें और अपने पेशे का दुरुपयोग कर बेईमानी ना कर सके। इस संबंध में आवेदिका को स्वतंत्रता दी गयी है कि वह थाने में मामला भी दर्ज करा सकती है।

घरेलू हिंसा का शिकार हुए बुजुर्ग दंपत्ति

इसी तरह एक अन्य प्रकरण में अनावेदकगण (Jansunvai) एवं उसकी पत्नि दोनों बुजुर्ग आवेदकगण के साथ निरंतर घरेलू हिंसा कर रहे है। आवेदकगण की स्वअर्जित संपत्ति से, अनावेदकगण ने बेदखल कर दिया है। आवेदकगणों को उनकी स्वअर्जित संपत्ति में रहने पर निरंतर बाधा डाल रहे है। स्पष्ट रूप से घरेलू हिंसा कानून का दुरूपयोग है। वृद्ध आवेदकगण जो 84 वर्ष एवं 92 वर्ष के है, ऐसी स्थिति में आवेदकगण को अधिकारिता दिये जाने की अनुशंसा आयोग द्वारा किया गया।

आवेदकगणों की ओर से थाना में जाकर लिखित शिकायत (Jansunvai) कर घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत अनावेदक और उनकी पत्नी के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करा सकते है। थाना में इन आवेदकगणों की एफआईआर दर्ज कर इसकी सूचना आयोग को 2 माह के अंदर प्रेषित करने के साथ इस प्रकरण को निराकृत कर दिया

देखिए समाज में किस तरह के मामले हैं-

Exit mobile version