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CORONA के साए में मनायी गई जन्माष्टमी, देखें गणेशोत्सव के अहम नियम

Janmashtami celebrated under the shadow of Corona, see the important rules of Ganeshotsav

CORONA

रायपुर/नवप्रदेश। CORONA : कृष्ण जन्माष्टमी हर साल भादों के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। ब्रह्मांड के निर्माता भगवान विष्णु ने इस दिन अपने आठवें अवतार श्री कृष्ण के रूप में जन्म लिया था। इस दिन कई लोग पूरे दिन व्रत रखते हैं।

भजन-कीर्तन करते हैं, और देर रात कृष्ण जन्म के बाद विधिपूर्वक पूजा अर्चना कर प्रसाद ग्रहण करते है। कृष्ण भगवान के जन्म की कथा सुनी जाती है। लोग अपने घरों को सजाते हैं। इस दिन राजधानी की कृष्ण जी के मंदिरों में एक अलग ही रौनक देखने को मिलती है, लेकिन पिछले दो वर्षों में ये रौनक कम हो गई है। सरकार की ओर से जारी निर्देशों का पालन करते हुए कुछेक बड़े मंदिरों में भव्य रूप से जरूर मनाया गया।

जिला प्रशासन के सख्त नियमों के बीच रायपुर के इस्कॉन मंदिर को भव्य तरीके से सजाया है। इसमें श्री श्री राधा रासबिहारी, सीता राम लक्ष्मण, हनुमानजी को आकर्षक पुष्पों से अलंकृत कर छप्पन भोग लगाया गया। इसी तरह शहर के प्रसिद्ध टाटीबंध श्रीकृष्ण मंदिर में भी भव्य आयोजन किया गया।

नियमों का पालन कर रहे लोग

कृष्ण जन्माष्टमी पर इस्कॉन समेत कई मंदिरों में लोगों की भीड़ पहुंचती है। इस दौरान कलेक्टर द्वारा जारी CORONA नियमों का लोग पालन करते नजर आए। इन धार्मिक स्थलों के प्रवेश पर सैनिटाइजेशन और थर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था थी। लोग मास्क पहनकर मंदिर पहुंचे। मंदिर परिसर में ज्यादा भीड़ नहीं देखी गई।

आपको बता दें कि यह दूसरा साल है जब CORONA की वजह से कृष्ण जन्माष्टमी पर दही हांडी या मटकी फोड़े का आयोजन नहीं किया जा रहा है।

गणेशोत्सव से जुड़े नियम

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