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नपा की लापरवाही से बर्बाद हो गई करोड़ों की मशीनें

शहरवासी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं लेकिन नपा को नहीं सरोकार, जिला मुख्यालय जांजगीर और चांपा नगरपालिका का सबसे बुरा हाल

नवप्रदेश संवाददाता
जांजगीर चांपा। जिला मुख्यालय जांजगीर के 25 वार्डों में निवासरत लोगों को सुविधा देने के नाम पर नगरपालिका केवल साफ-सफाई मेें ही हर माह कई लाख रुपए फूंक देती है। इसके बावजूद शहर को कचरे और गंदगी से मुक्ति नहीं मिल पा रही है। लाखों रुपए की लागत से कई तरह की मशीनें भी खरीदी गई थी, लेकिन नपा की लापरवाही से ज्यादातर मशीनें बगैर उपयोग किए ही खराब हो गई। यही हाल चांपा सहित अन्य नगरपालिका की है।


नगरपालिका प्रशासन द्वारा सफाई, प्रकाश, पानी की व्यवस्था के लिए हर साल महंगी से महंगी मशीनरी तो खरीदती है, लेकिन उचित रखरखाव व मरम्मत नहीं की जाती। मशीनरी को खुले आसमान के नीचे छोड़ दिया गया है, जिससे पानी बरसात व धूप में पड़े-पड़े मशीने खराब हो रही है। नगरपालिका जांजगीर नैला में एक स्वीपिंग मशीन, एक माजदा, दो फायर ब्रिगेड, दो वेक्यूम मशीन, एक स्काई लिफ्ट, दो जेसीबी, तीन आटो ट्रेक्टर ट्राली, रिक्शा ट्राली सहित कई मशीन, वाहन व साधन हैं। इनमें कई मशीन बिना उपयोग के ही खराब हो गई, तो वहीं कई मशीनें नगरपालिक द्वारा उचित रखरखाव के अभाव में खाली पड़े-पड़े कबाड़ हो रही है। इनमें एक स्वीपिंग मशीन, एक माजदा, एक वेक्यूम मशीन, एक जेसीबी, एक आटो, एक टेंकर सहित लगभग दर्जन भर कन्टेनर व रिक्शा कबाड़ हो गए। इसी तरह चांपा नगर पालिका में छह ट्रेक्टर, एक जेसीबी एक्सिवेटर, चार फागिंग मशीन, दो आटो, एक स्काई लिफ्ट, तीन छोटा पानी टैंकर, जैविक खाद मशीन, रिक्शा ट्राली सहित कई मशीन, वाहन व साधन हैं। ट्रैक्टर रखने शेड तो बनाया गया है, जो कि पर्याप्त नहीं है। उपर से पालिका के कर्मचारी व अधिकारी शेड का उपयोग अपने मोटर साइकिल रखने के लिए करते हैं। सारी मशीनरी खुले आसमान के नीचे अव्यवस्थित ढंग से रखा गया है। समय पर मरमत नहीं किए जाने के कारण मशीनों में जंग लग रहा हैं। लाखों की मशीनरी कबाड़ में तब्दील हो रही है। छह ट्रैक्टर में से दो खराब है, 5 ट्रैक्टर ट्राली में से 2 खराब है। दो छोटे पानी टैंकर खराब पड़े हैं। सफाई विभाग प्रभारी ने बताया कि छोटा मोटा सुधार कार्य करा लिया जाता है, लेकिन बड़े कार्य के लिए निविदा आमंत्रित की जाती है।
मशीन कचरा हो गई
चांपा नगरपालिका में करीब 11 वर्ष पहले 2007-08 में कचरे से जैविक खाद बनाने की मशीन की खरीदी की गई थी। आठ वर्ष से यह जैविक खाद बनाने की मशीन खुले आसमान के नीचे रखी है। पहले यह पुराने नगर पालिका भवन में थी। नए पालिका भवन बनने के बाद उसे वहीं ले जाकर उसके हाल पर छोड़ दिया गया। एक भी दिन इस मशीन का उपयोग नहीं किया गया है। ऐसे में लाखों रूपए की यह मशीन खुद कचरे में तब्दील हो गई है।
शोभा बढ़ा रही फागिंग मशीन
चांपा नगर पालिका के पास चार फागिंग मशीन है, लेकिन उपयोग के बजाय वो आलमारी की शोभा बढ़ा रही है। इसके कारण सारी फागिंग मशीन खराब हो गई है। फागिंग मशीन की खरीदी किए करीब एक दशक हो चुके हैं, इसी तरह नगरपालिका जांजगीर नैला में एक फागिंग मशीन होने के बावजूद पालिका प्रशासन द्वारा उसे मुश्किल से एक दो बार ही उपयोग में लाया गया है। ऐसा नहीं की नगर में मच्छर नहीं है, मच्छर से लोग परेशान है, लेकिन पालिका को कोई सरोकार नहीं है।
कबाड़ हो गए कन्टेनर
नगरपालिका जांजगीर नैला द्वारा शहर की साफ-सफाई व्यवस्था बनाए रखने के लिए लाखों रूपए खर्च कर कन्टेनर मंगाया था। लेकिन नगरपालिका की उदासीनता के चलते कन्टेनर का उपयोग आज तक नहीं किया। कन्टेनर बिना उपयोग के ही कबाड़ हो गई। शहर की साफ-सफाई के लिए मंगाए गए कन्टेनर पुलिस कंट्रोल रूम व बीडीएम गार्डन में बिना उपयोग के कबाड़ हो गए। इधर, व्यवस्था नहीं होने के कारण लोग घरों से निकले को जहां-तहां डंप करने मजबूर हैं।
50 लाख गए पानी में
नगरपालिका जांजगीर नैला द्वारा शहर की साफ-सफाई की व्यवस्था के लिए लगभग दस वर्ष पूर्व लगभग 50 लाख रूपए खर्च कर स्वीपिंग मशीन खरीदी गई थी। इस मशीन के लिए नगरपालिका द्वारा आपरेटर को प्रशिक्षण भी दिया गया। नगरपालिका द्वारा शुरूआती दौर में एक दो दिन ही मशीन की सहायता से सफाई कराई गई। कई सालों से मशीन बिना उपयोग आरईएस आफिस के पास नपा के गैरेज में रखी है और यह जर्जर हो गई है। इसके चलते पचास लाख पानी में गया।

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