रायपुर/नवप्रदेश। 19 अप्रैल| Jal Jeevan Mission : छत्तीसगढ़ के तीन जिलों के 6 गांवों समेत देश भर के 159 जिलों में जल जीवन मिशन के भ्रष्टाचार की जांच होगी। जांच के दायरे में छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा, रायगढ़ और बेेमेतरा के 6 गांव शामिल हैं। जल जीवन मिशन योजनाओं की जांच के लिये केंद्र सरकार ने देश भर में 148 केंद्रीय नोडल अधिकारी नियुक्त किये हैं। केंद्र सरकार ने जांच के संबंध में 14 मई को छत्तीसगढ़ समेत सभी राज्यों के एडशिनल चीफ सेक्रेटरी को इस आशय का पत्र भेजा है। छत्तीसगढ़ के तीन जिलों की जांच के लिये कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के डायरेक्टर अमित कुमार अग्रवाल को केंद्रीय नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
जल जीवन मिशन के कार्यों की जांच के लिये कुल 318 गांवों में चल रही जल जीवन योजनाओं को चिन्हित किया गया (Jal Jeevan Mission)है। जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन में गड़बड़ी, भ्रष्टाचार और अधूरे कार्यों के कारण ग्रामीणों के घरों तक पानी सप्लाई न होने की लगातार शिकायतें मिलने के बाद जांच कराने का फैसला किया गया है।
केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त केंद्रीय नोडल अधिकारी राज्य और जिला स्तर पर तकनीकी अधिकारी, भूजल वैज्ञानिक और इंजीनियरों की टीम के साथ जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा चिन्हित इलाकों का दौरा करेंगे। केंद्रीय नोडल अधिकारी जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन की भी समीक्षा करेंगे। इन जिलों में चल रही योजनाओं से जुड़े एक-एक बिंदु की रिपोर्ट तैयार की जाएगी। योजना के तहत हुए कार्यों के फोटोग्राफ्स लेकर रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
केंद्रीय नोडल अधिकारी कार्य स्थल पर जाकर पीएचई के जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा कराए गए कार्यों की पड़ताल करेंगेे। योजना के तहत हुए कार्यों की अपडेटेड रिपोर्ट को क्रास चेक किया जाएगा। योजना पूरी हुई है या नहीं, इसे सत्यापित किया जाएगा।
जांच के लिये नियुक्त केंद्रीय नोडल अधिकािरयों को जिला जल और स्वच्छता मिशन के सदस्यों के साथ बातचीत करने कहा गया है। योजना के लाभार्थियों से बातचीत की जाएगी और योजना को लेकर फीडबैक लिया जाएगा। नियमित पानी सप्लाई हो रही है या नहीं, घरेलू स्तर पर नल कनेक्शन दिये गए (Jal Jeevan Mission)हैं या नहीं, पानी सप्लाई नियमित रूप से होती है या नहीं, जैसे सवालों के जवाब के आधार पर रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
केंद्रीय नोडल अधिकारी पानी सप्लाई के लिये पर्याप्त जल स्रोतों की उपलब्धता की जांच भी करेंगे। योजना के कामकाज का पता लगाने के साथ ही वित्तीय व्यवस्था की समीक्षा की जाएगी। भौतिक रूप से जांच की जाएगी कि वास्तव में लोगों को योजना का लाभ मिल रहा है या नहीं। योजना के उद्देश्यों की अपूर्ण उपलब्धि का कारण भी सत्यापन रिपोर्ट में दिया जाएगा। अपूर्ण योजनाओं के फोटोग्राफ और अपूर्णता से संबंधित दस्तावेज तैयार किये जाएंगे।
छत्तीसगढ़ के इन 6 गांवों में होगी जांच
जल जीवन अभियान के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के नेवासपुर में पाइप्ड वाटर सप्लाई स्कीम और ठेलका में रेट्रोफिटिंग स्कीम की जांच की जाएगी। इसी तरह जांजगीर-चांपा के कुर्मा में पाइप्ड वाटर सप्लाई स्कीम और पोंड़ी दल्हा में रेट्रोफिटिंग पाइप्ड़ वाटर सप्लाई स्कीम की जांच की जाएगी। रायगढ़ के सलिहारी में सिंगल विलेज पाइप्ड वाटर सप्लाई स्कीम और बरकाचार में सिंगल विलेज पाइप्ड वाटर सप्लाई स्कीम की जांच केंद्रीय टीम करेगी।
छत्तीसगढ़ में जल जीवन अभियान का ऐसा हाल ….
जल जीवन मिशन योजना का उद्देश्य हर घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचाना था, लेकिन पीएचई विभाग और ठेकेदार की मिलीभगत के चलते केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ (Jal Jeevan Mission)गई। कई जगहों पर टंकी का निर्माण अधूरा है। कुछ जगहों पर टंकी बन गई है लेकिन पाइपलाइन से जोडऩे का काम नहीं हुआ। कई स्थानों पर टंकी बन गई है, लेकिन जलश्रोत का अता-पता न होने के कारण ग्रामीणों के घरों में पानी सप्लाई नहीं हो रही है। जांजगीर चांपा के अकलतरा ब्लॉक के ग्राम पंचायत पोड़ी दल्हा और आश्रित गांव पचरी में हुए कार्यों में जबरदस्त अनियमितता की शिकायतें हो चुकी है। यहां 3 करोड़ 76 लाख रुपये की लागत से बनाई गई पानी टंकी बनाने के साथ बिछाई गई पाइपलाइन से ग्रामीणों को पानी न मिलने की शिकायत सुर्खियों में रही है। सीएम से पिछले दिनों शिकायत में ग्रामीणों ने बताया कि 300 घरों तक भी पानी नहीं पहुंच पाया है।
रायगढ़ जिले में भी योजना का बुरा हाल है। करीब 50 फीसदी से ज्यादा काम अधूरे हैं। कई जगह ठेकेदारों ने जल स्रोत ढूंढ़े बिना ही पानी टंकी बना दी। कई ठेकेदार पाइपलाइन बिछाने के बाद काम बंद कर चुके हैं। अधूरे कार्यों के कारण ओवरहेड टंकी से पानी सप्लाई नहीं हो पा रही है। बेमेतरा जिले में केंद्र सरकार के जल जीवन मिशन, स्वच्छ जल प्रदाय योजना के अंतर्गत कुल 485 पानी टंकी का निर्माण स्वीकृत है। अब तक 338 पानी टंकी का ही निर्माण हो पाया है। इनमें से 100 से ज्यादा टंकियों से पानी की सप्लाई नहीं हो पा रही है। कई गांवों में पीएचई विभाग की देखरेख में बिछाई गई पाइप लाइन टूट-फूट गई है। कई गांव ऐसे है जहां पानी टंकी और पाइप लाइन बिछाने का काम पूरा हो चुका है, लेकिन बोर खनन न होने के कारण अधिकांश टंकियों से पानी की सप्लाई नहीं हो रही है।