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अवैध शराब बिक्री का गढ़ बना जगन्नाथपुर! काम नहीं इसलिए मजबूरी में बेच रहे शराब….

Jagannathpur became a stronghold of illegal liquor sales! Not working, so selling liquor under compulsion….

Illegal Liquor

सुप्रीत शर्मा/बालोद/नवप्रदेश। Illegal Liquor : बालोद ब्लॉक का ग्राम जगन्नाथपुर, इन दिनों अवैध शराब बिक्री का गढ़ बन चुका है। यह अतिशयोक्ति नहीं होगी कि पूरे बालोद जिले में सबसे ज्यादा अवैध शराब यही बिक रही है। सुबह अगर यहां शराब की खाली बोतल शीशी की तलाश में आएंगे तो 500 से ज्यादा शीशियां निकल आएंगे। यह हम नहीं खुद खाली शीशियां खरीदने वाले दुकानदार बयां करते हैं।

महीने में 20 लाख रुपए शराब की हो रही खपत

अगर रोज इतनी शराब खप रही है तो महीने में 20 लाख से अधिक का अवैध शराब इस गांव में बिक रहा है। 80 रुपये में मिलने वाली देसी शराब को गांव के शराब बेचने वाले 120 से 150 रुपए तक में बेच रहे हैं। इनके खरीददार भी सैकड़ों की संख्या में हैं। लगातार बढ़ती अवैध शराब बिक्री से गांव का माहौल काफी बिगडऩे लगा है।

एक वक्त था जब गिने-चुने लोग इस कारोबार में उतरे थे। लेकिन अब मानो इस गांव में शराब बेचने वालों की बाढ़ सी आ गई है। ऐसा कोई मोहल्ला या गली नहीं है जहां के लोग शराब बेचने (Illegal Liquor) में संलिप्त नहीं है। हर मोहल्ले में दो-तीन लोग ऐसे जरूर निकलेंगे जो शराब बेचते हैं। ऐसा भी नहीं है कि उनकी करतूत कभी सामने नहीं आई है। 5 से 7 लोग ऐसे निगरानीशुदा शराब बेचने वाले पुलिस की पकड़ में आ भी चुके हैं लेकिन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। कुछ ऐसे हैं जो नए-नवेले इस कारोबार में आए हैं और पुलिस ने उन्हें पकड़ा भी है लेकिन उनके होश ठिकाने अब तक नहीं आए और कुछ तो ऐसे हैं जो पुलिस की आंखों के अलावा पंचायत प्रशासन को भी चकमा देकर खुलेआम शराब बेच रहे हैं।

गांव में रोज 500 पव्वा से भी ज्यादा का कारोबार

1 दिन में अगर लगभग 500 पव्वा शराब बिक रही है और कीमत एक पव्वा के 120 रुपये माने तो प्रतिदिन यहां 60 हजार रुपए का कारोबार हो जाता है। महीने में 18 से 20 लाख की अवैध शराब खप रही है। पंचायत प्रशासन भी इन अवैध शराब कारोबारियों से त्रस्त हो चुका है। स्वयं सरपंच अरुण साहू का कहना है कि मैं खुद कई बार एसपी, कलेक्टर और थाने तक जा चुका। पर कोई कार्यवाही नहीं होती। कोई ध्यान नहीं दिया जाता। कुछ लोगों को पकड़ा गया लेकिन जमानत पर रिहा हो जाते हैं और कारोबार चलता रहता है।

अवैध शराब बिक्री के मामले में आबकारी विभाग यानी शासन की शराब की सीमा का नियम कमजोर होना भी एक बड़ी वजह है। 16 पव्वा शराब एक व्यक्ति खरीद सकते हैं, लोग इसी सीमा का फायदा उठाते हैं और बेचने वाले खुद या फिर अन्य साथी को ले जाकर 16-16 पव्वा एक व्यक्ति के हिसाब से खरीद कर लाते हैं और उन्हीं को रोज का रोज अवैध रूप से खपाते हैं। पुलिस कभी उन्हें पकड़े तो उनके पास उनकी निर्धारित सीमा के अंदर ही शराब मिलती है तो कार्यवाही भी नहीं हो पाती और इसी के चलते शराब बेचने वाले के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। पर भावी पीढ़ी को यह बर्बाद भी कर रहे हैं। इसकी चिंता गांव के जागरूक लोगों को होने लगी है पर शासन प्रशासन का अपेक्षित सहयोग न मिलने से यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है और देखते-देखते जगन्नाथपुर गांव जो अपने अच्छे कार्यों के लिए शुमार था, अब शराब बिक्री का गढ़ बन चुका है।

मैं खुद कई बार कर चुका शिकायत – सरपंच

ग्रापं जगन्नाथपुर के सरपंच अरुण साहू ने कहा कि मैं खुद पंचों व ग्रामीणों सहित कलेक्टर व एसपी के पास गया था। थाने में भी कई बार इसकी शिकायत कर चुका हूं। लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं होती। कुछ लोग पूर्व में पकड़े भी गए हैं जो जमानत पर रिहा भी हो जाते हैं। अपने स्तर पर हम पूरा प्रयास करते हैं। बैठक में भी इस बात को उठाते हैं पर ग्रामीण ध्यान नहीं देते।

शराब बिक्री के यह प्रमुख ठिकाने

गांव में जिन लोगों के द्वारा शराब बेची (Illegal Liquor) जा रही है उनके द्वारा कुछ जगहों को प्रमुख ठिकाना भी बना लिया गया है। खासतौर से चौक पर शराब बेची जाती है। जहां बस स्टैंड है वहां पर शराब बेचने वाले सड़क पर खड़े होकर जेब में शराब रखें ग्राहकों को बेचते हैं। स्टॉक खत्म होने पर जहां छुपा कर रखे हैं वहां से लाकर दोबारा बेंचते हैं। सेलून के आसपास भी जमकर बिक्री होती है। कुछ शराब बेचने वाले सांकरा और कमरौद रोड को भी अपना ठिकाना बनाया हुए हैं। ताकि उधर से आने वाले ग्राहकों को शराब उपलब्ध करा सके। कुछ है जो घरों में स्टाक रखे रहते हैं और किस्तों में लाकर बेचते हैं।

होगी कार्रवाई, कुछ होते हैं आदतन अपराधी

इस मामले मेें जिला आबकारी अधिकारी राजेश जायसवाल ने कहा कि आप के माध्यम से जानकारी मिल रही है। मामले में कार्यवाही करवाता हूं, कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जो आदतन शराब बेचते हैं, उन पर कितनी भी कार्रवाई करें नहीं सुधरते हैं। फि र भी मैं मामले को दिखाता हूं, कार्रवाई करेंगे।

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