Jacqueline Fernandez Case : 200 करोड़ रुपये के बहुचर्चित मनी लान्ड्रिंग केस (Jacqueline Fernandez Cas) में ठग सुकेश चंद्रशेखर के साथ आरोपित बनाई गईं बालीवुड अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडीज को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के तीन जुलाई के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। बता दें कि हाई कोर्ट ने मनी लान्ड्रिंग मामले में फर्नांडीज की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट (ईसीआइआर) को रद करने की मांग की थी।
न्यायमूर्ति दीपंकर दत्ता और आगस्टिन जार्ज मसीह की पीठ ने सुनवाई के दौरान फर्नांडीज का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी से कहा कि आप याचिका वापस ले लें और उचित समय पर अदालत आएं। यही बेहतर विकल्प होगा। अदालत ने स्पष्ट किया कि इस चरण में कोई हस्तक्षेप संभव नहीं है।
रोहतगी ने दलील दी कि फर्नांडीज (Jacqueline Fernandez Cas) पर यह आरोप नहीं है कि उन्होंने सुकेश चंद्रशेखर को 200 करोड़ रुपये की मनी लान्ड्रिंग में प्रत्यक्ष तौर पर मदद की। उनका कहना था कि अभिनेत्री को यह भी जानकारी नहीं थी कि सुकेश जेल में है। हालांकि मनी लान्ड्रिंग केस (Money Laundering Case) में उन पर आरोप है कि उन्होंने चंद्रशेखर से 5.71 करोड़ रुपये के महंगे उपहार लिए, जबकि उन्हें उसके आपराधिक अतीत की पूरी जानकारी थी। वहीं, दिल्ली पुलिस ने चंद्रशेखर के खिलाफ यह आरोप लगाया कि उसने रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर शिविंदर सिंह और मलविंदर सिंह की पत्नियों को ठगकर 200 करोड़ रुपये की रकम हड़पी।
Jacqueline Fernandez Cas हाई कोर्ट के आदेश में कोई दखल नहीं
पीठ ने सर्वोच्च न्यायालय के विजय मदनलाल चौधरी के ऐतिहासिक फैसले का भी उल्लेख किया, जिसमें मनी लान्ड्रिंग कानून के तहत ईडी की गिरफ्तारी, संपत्ति की जब्ती और तलाशी जैसे अधिकारों को बरकरार रखा गया है। पीठ ने कहा कि विजय मदनलाल मामले की रूलिंग अभी लागू है और आरोप तय होने के चरण में याचिकाकर्ता को आरोपों का सामना करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि फिलहाल हाई कोर्ट के आदेश में कोई दखल नहीं दिया जाएगा और याचिकाकर्ता उचित समय पर फिर से अदालत का दरवाजा खटखटा सकता है।