It would be fine if EVMs spit out results as per their choice: इसे ही कहते हैं मीठा-मीठा गप-गप, कड़वा-कड़वा थू-थू। झारखंड और वायनाड में जीते तो लोकतंत्र की जीत हुई। महाराष्ट्र में हारे तो ईवीएम ने हराया।
बंगाल में उपचुनाव जीते तो दीदी की जीत, यूपी में भाजपा जीती तो बाबा के दादागिरी की जीत। मतलब ईवीएम उनके मन माफिक नतीजे उगले तो ठीक यदि दूसरे को जिताए तो ईवीएम खराब।
अपनी पराजय का ठीकरा ईवीएम और चुनाव आयोग पर फोडऩे वाले नेता जनादेश को नकार कर मतदाताओं का अपमान करने से बाज न आए तो अपनी बची खुची साख पर बट्टा लगाएंगे। सिर पर हाथ रखकर पछताएंगे।