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माना बाल सम्प्रेक्षण गृह में बत्ती गुल होते ही 10 अपचारी बालक हुए रफूचक्कर

Raipur mana child observation home delinquent child absconding

Raipur mana child observation home delinquent child absconding

जिम्मेदार बोले हमारे पास नहीं है पर्याप्त बल, शासन से कई बार कर चुके हैं मांग

रायपुर/नवप्रदेश। Raipur mana child observation home delinquent child absconding: राजधानी के माना इलाके में स्थित बाल सम्प्रेक्षण गृह से एक बार फिर 10 अपचारी बालक सुरक्षा की पोल खोलते हुए फरार हो गए। यह घटना शनिवार की सुबह साढ़े चार बजे की बताई जा रही है जब पूरा बाल जेल प्रशासन गहरी नींद में था और सुरक्षा कर्मी की भी आंख लग चुकी थी उतने में इलाके की बिजली चली गई और मौके की ताक में बैठे नाबालिग आरोपियों ने जेल के बीस फिट ऊँचे दरवाजे को लांघ कर फरार हो गए।

घटना की सूचना मिलते ही सम्प्रेक्षण गृह में हड़कंप मच गया और (Raipur mana child observation home delinquent child absconding) फरार अपचारियों की तलाश शुरू कर दी गई। जिस समय की यह घटना है उस वक्त सिर्फ एक ही गॉर्ड ड्यूटी पर तैनात था। गार्ड ने ही मामले की जानकारी सम्प्रेक्षण गृह के अधिकारियों को दी। उसके बाद माना बाल जेल प्रशासन ने स्थानीय थाने को सूचित किया। फिलहाल फरार अपचारियों का कोई पता नहीं चल पाया है, पुलिस उनकी तलाश में जुटी है।

वहीँ इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि हमारे पास सुरक्षा के लिए बल की कमी है जिसकी मांग हम लम्बे समय से शासन से कर रहे हैं, लेकिन अब तक इस विषय में हमारी सुनवाई नहीं हो पा रही है। पिछले एक साल से तो भर्ती भी नहीं निकाली गई है जिसकी वजह से आएदिन यहां ऐसी घटना होते रहती है।

तीन अपचारी पहले भी हो चुके हैं फरार

फरार हुए 10 नाबालिगों में से तीन आदतन बदमाश किश्म के हैं (Raipur mana child observation home delinquent child absconding) जो पहले भी 2 बार बाल सम्प्रेक्षण गृह से फरार हो चुके हैं, जिसमें से एक अपचारी बालक का बीते दिनों पथरी का इलाज भी कराया गया था और ठीक होते ही बाकी अपचारी बालकों को उकसा कर अपने साथ ले उड़ा। बाकी के दोनों अपचारी रायपुर के एक संवेदनशील इलाके के रहने वाले हैं और नशे की लत पूरी न होने की वजह से अक्सर इस तरह की वारदात को अंजाम देते आया है।

पहले से की थी प्लानिंग

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सम्प्रेक्षण गृह से भागने वाले अपचारी बालकों ने इसकी प्लानिंग पहले से कर रखी थी। इसलिए अपने साथी जिसका पथरी का इलाज कराया गया था उसके ठीक होने का इंतज़ार कर रहे थे। जैसे ही उनका साथी स्वस्थ होकर सम्प्रेक्षण गृह पहुंचा वैसे ही दसों नाबालिग बालकों ने जेल की दीवार फांद कर फरार हो गए।

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