रायपुर/नवप्रदेश। Issued in public interest : बरसात के मौसम में जलजनित बीमारियों के साथ ही मच्छरों के प्रकोप बढऩे से मलेरिया और डेंगू होने के भी संभावना बनी रहती है। बरसात में होने वाले संक्रामक बीमारियों में उल्टी दस्त, बुखार, पीलिया, मलेरिया, आंत्रशोध आदि के फैलने का खतरा काफी बढ़ जाता है।
जिससे इन बीमारियों का महामारी का रूप धारण करने की सम्भावना काफी बढ़ जाती है। इन संक्रामक बीमारियों को प्रभावशाली तरीके से नियंत्रण के लिए सभी जल स्त्रोतों का जल शुद्विकरण ब्लीचिंग पाउडर से हेण्ड पम्पों, कुओं, बोरींग के जल शुद्विकरण के लिए क्लोरीनीकरण किया जाए।
यह भी जरूरी है कि संक्रामक बीमारियों को रोकने (Issued in public interest) के लिए सड़ी गली सब्जी, फल, आदि का सेवन न किया जाए। दस्त रोग के समुचित प्रबंधन हेतु लो ऑस्मोलर ओ.आर.एस. घोल लेना सुनिश्चित किया जाए। रायपुर जिले में लोगों को पानी के शुद्धिकरण के लिए क्लोरीन टेबलेट का वितरण किया जा रहा है।
इसी तरह मलेरिया बीमारी में हाथ-पैर में दर्द, सिर दर्द, ठंड के साथ बुखार आता है। यह मादा एनाफिलीज संक्रमित मच्छर के काटने से होता है। मलेरिया से बचने के लिए घर के आसपास पानी जमा होने ना दें, रूके हुए पानी में मिट्टी का तेल, मोबिल ऑयल डालें। शाम के समय नीम की पत्ती का धुंआ करें। सोते समय दवा लेपित मच्छरदानी का प्रयोग करें।सभी शासकीय स्वास्थ्य केंद्रों में नि:शुल्क जांच की सुविधा उपलब्ध है।
डेंगू एक वायरस से होने वाली बीमारी का नाम है, जो एडीज नामक मच्छर की प्रजाति के काटने से होता है। इस मच्छर के काटने के करीब 3 से 5 दिनों में लक्षण दिखाई देने लगते है। जिसके कारण तेज बुखार और सर दर्द,मसल दर्द,जोड़ो में दर्द जैसे लक्षण दिखाई देते है। इसे हड्डी तोड़ “बुखार” या ब्रेक बोन बुखार भी कहा जाता है। डेंगू का उपचार संभव है।
डेंगू के खतरे (Issued in public interest) को कम करने के लिए घर मे और आस-पास पानी जमा ना होने दे, कूलर और बाल्टियों में पानी भरकर न रखे। कचरे के डिब्बे को हमेशा ढ़क कर रखे, स्वयं को मच्छरों से बचाना के लिए पूरे शरीर को ढ़कने वाले कपड़े पहनना बहुत जरूरी है। डेंगू जांच की सुविधा सभी शासकीय अस्पतालों एवं निजी अस्पतालों में नि:शुल्क उपलब्ध है।