-डीएमएफ मद से खर्च कर किया भ्रष्टाचार
रायपुर/नवप्रदेश। CG vidhan sabha: विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने रीपा योजना में हुई गड़बड़ी का मामला सदन में उठाया। वहीं पंचायत मंत्री विजय शर्मा ने रीपा में हुए घोटालों की जांच एडवोकेट जनरल के जरिए ऑडिट कराने और चीफ सेक्रेटी की अध्यक्षता में समिति बनाकर जांच कराने की बात कहीं। वहीं श्री शर्मा ने कहा कि इसकी जांच 3 महीने में पूरी होगी।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने पिछली सरकार के दौरान रीपा निर्माण का मामला प्रश्नकाल में सदन में उठाया। जिसके जवाब में मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि 300 रीपा बनाये जाने थे, सभी बन गए। पिछली बार 441 करोड़ का बजट स्वीकृत था जिसमें 260 करोड़ का भुगतान हुआ है बाकी भुगतान अभी शेष है।
धरमलाल कौशिक ने पूछा- किस-किस मद से राशि गई है?
मंत्री विजय शर्मा ने कहा- विभिन्न मदों से गई है, डीएमएफ सहित अन्य कई मदों की राशि है।
धरमलाल कौशिक ने कहा- योजना शुरू हुई तब से करीब 600 करोड़ रुपये की राशि है। डीएमएफ मद से खर्च कर भ्रष्टाचार किया गया है। खरीदी में लीपापोती की गई है और मंत्री-अधिकारी बताने की स्थिति में नहीं है, मनमानी खरीदी हुई है। क्या चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में जांच कराएंगे?
बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने पूछा-
कई मदों से भुगतान हुआ है। रीपा का क्या भौतिक सत्यापन हुआ है?
मंत्री विजय शर्मा ने कहा- रीपा में स्ट्रक्चर बना है, कई जगहों पर सामान है, कुछ नहीं है। जो अपेक्षा थी वो पूर्ण नहीं हुआ है।
मंत्री विजय शर्मा की बड़ी घोषणा- रीपा का एडवोकेट जनरल के जरिए ऑडिट होगा। चीफ सेक्रेटी की अध्यक्षता में समिति बनाकर जांच कराएंगे।
धरमलाल कौशिक ने कहा- रीपा में ऐसा भी हुआ है कि 2 करोड़ का काम है। पूरा 80 लाख का प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाया गया है, ये हाल है।
अजय चंद्राकर ने कहा- किसी और मद का पैसा किसी और मद में बांट दिया गया है। जांच की घोषणा हुई है लेकिन टाइम लिमिट बताया जाए।
बीजेपी विधायक धरमजीत सिंह ने कहा– कई सरपंचों का भुगतान नहीं हुआ है, उनके लिए आत्महत्या की स्थिति है। उन्हें आत्महत्या से बचाया जाए और भुगतान किया जाए। बाद में मत कहिएगा जब आत्महत्या करने लगे।