वॉशिंगटन/तेहरान/यरुशलम, 21 जून| Israel Iran War Update : क्या दुनिया एक और विश्व युद्ध की ओर बढ़ रही है, या 14 दिनों के भीतर एक बातचीत इतिहास को बदल देगी? अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस सवाल पर पूरी दुनिया को सांसें थामे इंतज़ार में डाल दिया है। उन्होंने कहा है कि ईरान पर हमला करना है या नहीं, इसका अंतिम फैसला अगले दो हफ्तों में लिया जाएगा। यह वक्त अब केवल रणनीति का नहीं, बल्कि सभ्यता के भविष्य का फैसला करने वाला क्षण बन चुका है।
ट्रंप की रणनीति: युद्ध नहीं, डील में तलाश रहे हैं ‘जीत का चेहरा’
राष्ट्रपति ने साफ कर दिया है कि “बातचीत अभी भी एक दरवाज़ा है जो खुला है”, और वे इस दरवाजे से गुजरने की ‘पर्याप्त संभावना’ देखते (Israel Iran War Update)हैं। ट्रंप को उम्मीद है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर शांतिपूर्ण समझौता अब भी संभव है — बशर्ते शर्तें स्पष्ट हों और वैश्विक दबाव प्रभावशाली।
इजरायल बोल रहा बारूद की भाषा, अमेरिका सुन रहा ‘राजनीति की गूंज’
जहां एक ओर इजरायल पूरी ताकत से ईरान के अंदर हमले कर रहा है — 60 से अधिक फाइटर जेट्स, 120 बम, और दर्जनों रणनीतिक ठिकानों को उड़ाया जा चुका है — वहीं अमेरिका अभी भी ‘बातचीत या बमबारी’ की दुविधा में (Israel Iran War Update)है। इजरायल के प्रधानमंत्री ने कहा है कि यह लड़ाई “दुनिया का चेहरा बदल देगी”, लेकिन सवाल है कि क्या यह बदलाव विनाश से होकर जाएगा या संवाद से?
डिप्लोमेसी या ड्रामा: जेनेवा में ईरान का साइलेंट गेमप्लान
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची यूरोपीय देशों के साथ गुप्त वार्ता के लिए जेनेवा रवाना हो गए हैं। पहली शर्त: सीजफायर। इस बीच यह भी संकेत मिले हैं कि ईरान, अमेरिका से बैकचैनल बातचीत के लिए तैयार हो सकता है, लेकिन उसकी शर्तें सख्त (Israel Iran War Update)होंगी और एजेंडा बिल्कुल स्पष्ट।
डिफेंस vs डिप्लोमेसी: अब दो हफ्ते तय करेंगे कि दुनिया किस रास्ते पर जाएगी
ट्रंप का ये फैसला सिर्फ अमेरिका का नहीं होगा — यह पूरे पश्चिम एशिया, यूरोप, और वैश्विक स्थिरता का निर्धारण करेगा।