तेहरान, 15 जून| Israel Iran War 2025 : जब आसमान से गिर रहीं थीं मिसाइलें, जमीन पर बिखरी थीं चीखें, और सायरन की आवाज़ें इंसानियत को बहरा कर रही थीं — तभी तेहरान की धधकती गलियों में एक अनजान सी परछाई लोगों की जान बचा रही थी।
इस जंग के सबसे डरावने पलों में कैमरे में कैद हुए कुछ रहस्यमयी लोग — नीली हेलमेट पहने, कंधे पर एक छोटा मेडिकल बैग, और चेहरे पर मास्क। न हथियार, न सरकार का आदेश — फिर भी ये लोग बेहोश बच्चों को उठाकर एंबुलेंस तक लाते, बुजुर्गों को मलबे से बाहर निकालते और जख्मी सैनिकों को पानी पिलाते दिखे।
इन ‘ब्लू हीलमेट्स’ के पीछे कौन है, ये किसी को पता नहीं। इजरायल और ईरान दोनों ही सरकारों ने ऐसे किसी संगठन के अस्तित्व से इनकार किया (Israel Iran War 2025)है। लेकिन, अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो और तस्वीरों में ये रहस्यमयी मसीहे लोगों की नजर में आ गए हैं।
ब्लू हीलमेट्स: न सरकार, न NGO, फिर कौन?
कुछ रिपोर्टों के मुताबिक, ये संभवतः मेडिकल छात्रों, फायर वॉलेंटियर्स और पूर्व सैनिकों का एक अनौपचारिक समूह है, जो दोनों देशों की सीमा पर युद्ध पीड़ितों की मदद करने खुद से जुटा है। कोई पहचान पत्र नहीं, कोई अधिकारिक बिल्ला नहीं — लेकिन सैकड़ों लोगों की जान बचाने वाले बन चुके हैं।
एक वायरल वीडियो में, एक ब्लू हीलमेट वॉलंटियर को एक 7 साल की बच्ची को जलती बिल्डिंग से निकालते देखा गया है। उसके पीछे आर्मी की एक गाड़ी मिसाइल की चपेट में आकर फट रही है — लेकिन वह रुका नहीं।
इंसानियत की एक अनसुनी लड़ाई
जहां दुनिया इस युद्ध को धर्म, राजनीति और सत्ता की नजरों से देख रही है — वहीं ब्लू हीलमेट्स इस कहानी में इंसानियत का चेहरा बनकर उभरे हैं। इनका कोई बयान नहीं, कोई पोस्टर नहीं — लेकिन उनकी मौजूदगी खुद एक जवाब बन गई है।
क्या ये नई ‘रेड क्रॉस‘ हैं? क्या ये भविष्य के शांति सैनिक हैं? या बस आम लोग जो हालात से ऊपर उठ गए? इस युद्ध में मिसाइलें मार सकती हैं, पर ‘ब्लू हीलमेट्स’ जैसे लोग जिंदगियां बचा रहे हैं।