-विपक्ष, पवार, प्रियंका और ओवैसी ने विदेश नीति पर उठाए सवाल
नई दिल्ली। Israel Hamas War: 22 दिनों से चल रहे हमास और इजराइल हमले को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा में संघार्ष-विराम करने का प्रस्ताव रखा था जिसमें भारत सरकार ने दूरी बनाई थी। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा है कि वह भारत के इस कदम से स्तब्ध और शर्मिंदा हैं। प्रियंका ने कहा जब मानवता के साथ हर कानून को ताक पर रख दिया गया है तो ऐसे समय में अपना रुख तय नहीं करना और चुपचाप देखते रहना गलत है।
एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा, ‘…फिलिस्तीन मुद्दे पर भारत सरकार के बीच भ्रम की स्थिति है। भारत की नीति फिलिस्तीन का समर्थन करने की थी, इजरायल का नहीं। हजारों लोग मर रहे हैं और भारत ने कभी इसका समर्थन नहीं किया। इसलिए मौजूदा सरकार में असमंजस की स्थिति है।
असदुद्दीन ओवैसी ने पोस्ट करते हुए कहा, ‘यह हैरान करने वाला कदम है कि मोदी सरकार ने मानवीय संघर्ष विराम और नागरिक जीवन की सुरक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव पर मतदान करने से परहेज किया। इजरायल ने गाजा में 7028 लोगों की हत्या कर दी है। उनमें 3000 से अधिक बच्चे और 1700 महिलाएं शामिल हैं।