सरकारी बंगले से गायब हैं निलंबित जीपी सिंह
रायपुर/नवप्रदेश। IPS GP Singh: जीपी सिंह मामले में छत्तीसगढ़ सरकार ने हाई कोर्ट में कैविएट दायर किया है। राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट से जीपी सिंह की याचिका में सुनवाई करने से पहले राज्य सरकार का पक्ष सुनने गुहार लगाया है। सिंह के द्वारा दायर याचिका के बाद सरकार को यह कदम उठाना पड़ा है।
दरअसल, एसीबी और ईओडब्ल्यू के द्वारा की गई कार्रवाई के बाद जीपी सिंह (IPS GP Singh) को पहले निलंबित किया गया। उसके बाद जीपी सिंह के ठिकानों से जप्त दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स की जांच में सरकार के प्रति षड्यंत्र रचने की पुष्टि होने के बाद सिंह पर राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया। इधर मामले में अपना पक्ष रखने जीपी सिंह ने हाई कोर्ट की शरण लेते हुए अग्रिम जमानत की पेशकश की। साथ ही याचिका में अंतरिम राहत के तौर पर किसी स्वतंत्र एजेंसी या सीबीआई से मामले की जांच शुरू नहीं होने तक राज्य पुलिस द्वारा की जा रही जांच पर रोक लगाने की मांग भी की गई है।
जीपी सिंह (IPS GP Singh) के वकील किशोर भादुड़ी की माने तो राज्य सरकार के द्वारा उनके मुवक्किल के खिलाफ गंभीर साज़िश रची गई है। जबकि जीपी सिंह के द्वारा ऐसा कोई काम नहीं किया गया है की उन पर राजद्रोह लगाया जाये। सरकार के रवैये को देखते हुए अब किसी भी जाँच पर भरोसा नहीं किया जा सकता, इसलिए स्वतंत्र एजेंसी या सीबीआई जांच की मांग की गई है। जीपी सिंह ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में 90 पन्नों का रिट याचिका दाखिल किया है।
सरकार ने लगाया कैविएट
जीपी सिंह (IPS GP Singh) के रिट याचिका के बाद इसी मामले में राज्य सरकार ने भी हाई कोर्ट में एक कैविएट दायर करते हुए अदालत से अनुरोध किया है कि गुरजिंदर पाल सिंह के मामले में कोई भी फ़ैसला सुनाने से पहले राज्य सरकार का पक्ष सुना जाए। राज्य सरकार ने इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में भी कैविएट लगाया है।
आपको बता दें कि आय से अधिक संपत्ति की शिकायत पर ACB ने जीपी सिंह के सरकारी आवास समेत करीब 10 ठिकानों पर छापा मारा था। 68 घंटे चले मैराथन छापे में 10 करोड़ से अधिक की बेनामी संपत्ति के कागजात, कुछ डोजियर, टूलकिट दस्तावेज और पेन ड्राइव मिले थे। जिसके बाद जीपी सिंह को निलंबित करते हुए राजद्रोह का केस भी दर्ज किया गया है।
करीबियों पर शिकंजा
सूत्रों के मुताबिक ईओडब्ल्यू (EOW) ने जीपी सिंह (IPS GP Singh) के सहयोगियों को नोटिस भी जारी किया है। जिसमे एसबीआई बैंक मैनेजर मणीभूषण, रिश्तेदार प्रीतपाल चाण्डोक और राजनांदगांव के सीए राजेश बाफना को नोटिस जारी किया गया है। वहीं ईओडब्ल्यू की टीम निलंबित सिंह के रायपुर स्थित सरकारी निवास पर नोटिस रिसीव कराने पहुंची मगर जीपी सिंह के मौजूद नहीं रहने से बैरंग लौट आई है।
नोटिस रिसीव नहीं होने पर साफ़ जाहिर है कि जीपी सिंह बंगले से लापता हैं। पुलिस भी उनकी खोजबीन में जुट गई है। हालांकि पुलिस ने अभी तक जीपी सिंह के गायब होने की पुष्टि नहीं की है। लेकिन सूत्र बताते हैं कि जीपी सिंह रायपुर से बिलासपुर अपने कार से गए और हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहीं चले गए,कहां गए अब तक किसी को पता नहीं चला है।