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Investorgarh Chhattisgharh : 2022 में दुनिया के प्रमुख निवेशकों का होगा महाकुंभ

Investorgarh Chhattisgharh: In 2022, the world's leading investors will have a Mahakumbh

Investorgarh Chhattisgharh

रमन सिंह ने 2012 में करवाया, 2001 से 2018 के बीच निष्क्रिय 158 समझौतों को किया रद्द

रायपुर/नवप्रदेश। Investorgarh Chhattisgharh : छत्तीसगढ़ में अगले वर्ष एक और ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट की तैयारी है। ‘इन्वेस्टगढ़ छत्तीसगढ़’ नाम से इस इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन 27 जनवरी से 2 फरवरी 2022 तक किया जाना है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार देर शाम इसकी औपचारिक घोषणा की।

आपको बता दें कि इससे पहले पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने 2012 में यह आयोजन करवाया था। हालांकि उस समय किए गए ज्यादातर समझौते कागजों पर ही रह गए। अब देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस सरकार इसे जमीनी स्तर पर कहां तक ​​ला पाती है।

वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के अफसरों का कहना है, ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट (Investorgarh Chhattisgharh) के जरिए विश्व के प्रमुख निवेशक-समुदायों, ग्लोबल कंपनियों, बिजनेस लीडरों, केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों, स्थानीय व्यवसायियों, व्यापारिक एवं निवेशक संगठनों, सप्लायरों, डिस्ट्रीब्यूटरों, बिजनेस इनोवेटरों, विचारकों और उद्यमियों को एक-दूसरे के नजदीक आने का अवसर मिलेगा।

इस समिट के दौरान छत्तीसगढ़ में निवेश के लाभ, परस्पर सहयोग, पार्टनरशिप और व्यावसायिक उन्नति की उन संभावनाओं पर बातचीत की जाएगी।

युवाओं के लिए रोजगार के रास्ते खोलने का प्रयास

कांग्रेस सरकार आने के बाद सीएम भूपेश बघेल जिस तरह से युवाओं के लिए रोजगार के अवसर जुटा रहे हैं, उससे प्रदेश के युवाओं में उम्मीद की किरण नजर आ रही है। सरकार समिट के जरिए राज्य के निवासियों के लिए अच्छे वेतनवाली नौकरियां पाने, कार्यकुशलता निखारने एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर की कंपनियों के साथ स्पर्धा करते हुए व्यवसायों को आगे बढ़ाने के लिए संभावनाओं की तलाश की जा सकेगी।

इन्वेस्टर्स मीट के आयोजन का जिम्मा वीक्सपोइंडिया (WEEXPOINDIA) नाम की कंपनी को दिया गया है। यह कंपनी, मीट के दौरान वैश्विक कंपनियों और आर्थिक-संगठनों को विभिन्न बिन्दुओं पर सूचनाएं, जानकारियां तथा मार्गदर्शन उपलब्ध कराएगी।

चार बड़े क्षेत्रों के लिए 4 बड़े मंडप बनाने की तैयारी

बताया गया, इनवेस्टमेंट मीट 2022 (Investorgarh Chhattisgharh) में निवेश के लिए 4 बड़े क्षेत्रों को चुना है। इसमें प्रमुख रूप से कृषि, खनन, हैवी इंजीनियरिंग एंड फेब्रिकेशन और हरित ऊर्जा में विकास के अवसर प्रदान करेगा। इन सभी सेक्टरों के लिए अलग-अलग बड़े मंडप तैयार किए जाएंगे। इस मंडप में प्राकृतिक संसाधनों, अद्वितीय प्रक्रियाओं, टिकाऊ संसाधनों, अभिनव कामकाजी मॉडल, कार्य बल, जलवायु लाभ, प्रत्येक क्षेत्र में उपलब्ध उन्नत तकनीक और बहुत कुछ प्रदर्शित करेगा। राज्य सरकार इस अवसर पर निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए नीतिगत निर्णयों, अनुदानों, रियायतों की भी घोषणा करेगी।

आज लॉन्च होगा लोगो और वेबसाइट

अफसरों ने बताया, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज ग्लोबल इन्वेटर्स मीट 2022 की औपचारिक घोषणा करेंगे। इस दौरान वे इन्वेस्टर्स मीट का आधिकारिक लोगों और वेबसाइट भी जारी करने वाले हैं। यह वेबसाइट इन्वेस्टर्स मीट से जुड़ी जानकारियों और रजिस्ट्रेशन आदि की सुविधाओं के लिए विशेष तौर पर तैयार किया गया है।

सरकार ने रद्द किए थे पुराने MOU

आपको बता दें कि बोर्ड ने 2001 से 2018 के बीच हस्ताक्षरित 158 ऐसे समझौतों को रद्द कर दिया है जो तब तक सक्रिय नहीं थे। हालांकि सरकार ने यह काम जुलाई महीने में ही कर दिया था। जुलाई में हुई निवेश प्रोत्साहन बोर्ड की बैठक में सरकार ने बताया था, 2012 में ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट में 93 हजार 830 करोड़ रुपए 69 लाख रुपए पूंजी निवेश के 275 करार हुए थे। इनमें से वास्तविक पूंजी निवेश 2 हजार 3 करोड़ 59 लाख रुपए का हुआ है। 6 परियोजनाओं में उत्पादन प्रारंभ हो चुका है। 25 परियोजनाओं में स्थल चयन कर क्रियान्वयन प्रारंभ हो गया है। शेष 103 एमओयू में कोई कार्य प्रारंभ नही हुआ है, इसलिए ऐसे MOU को रद्द करना पड़ा।

राज्य सरकार का दावा- ढाई वर्षों में 1564 उद्योग लगे

राज्य सरकार का दावा है कि पिछले ढाई-तीन वर्षों में प्रदेश की निवेश का परिदृश्य बदला है। इन वर्षों के दौरान राज्य में नये उद्योगों की स्थापना के लिए 132 एमओयू किए गए हैं, जिसमें 58 हजार 950 करोड़ का पूंजी निवेश प्रस्तावित है। इससे 78 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। राज्य में इस अवधि में 1564 नई औद्योगिक इकाइयां स्थापित हुई हैं। इनमें 30 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिला है।

ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट से ढाई नए पैसे का भी निवेश नहीं आया : कृषि मंत्री रविंद्र चौब

Investors Meet को लेकर कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे ने जुलाई में कहा था, निवेश प्रोत्साहन बोर्ड की बैठक में पुराने निर्णयों के पन्ने पलटकर देखा गया। तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह निवेश आकर्षित करने टेक्सास (अमेरिका) गए थे। जानकारी लिया गया तो पता चला कि वहां हुए एमओयू का एक नया पैसा छत्तीसगढ़ में लग नहीं पाया, न ही कोई निवेशक आया। उसके बाद रमन सिंह ने यहां इन्वेस्टर्स मीट कराया था। कहा गया था, ढाई लाख करोड़ रुपए का एमओयू किया गया है। विभाग ने बताया कि ढाई नए पैसे का भी निवेश नहीं आया है।

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