यशवंत धोटे
रायपुर/नवप्रदेश। Interview with former CM Bhupesh Baghel: राजनांदगांव लोकसभा के प्रत्याशी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र के सवाल पर मानना है कि पतझड़ का मतलब ही बसंत का फिर आ जाना है। महिलाओं को एक लाख रुपए देने वाली घोषणा, जातिगत राजनीति का आरोप, जाति जनगणना और क्वांटिफाइबल डाटा आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक न करने वाले जैसे तीखे सवालों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से ‘दैनिक नवप्रदेश समाचार पत्र’ के प्रधान संपादक यशवंत धोटे ने बेबाक बातचीत की। प्रस्तुत है संपादित अंश….
प्रश्न : आप राजनांदगांव लोकसभा के प्रत्याशी के अलावा कांग्रेस के स्टार प्रचारक भी हैं। पांच साल मुख्यमंत्री और इससे पहले पीसीसी चीफ रहे। कांग्रेस और भाजपा के राजनीतिक धरातल से आप अच्छी तरह वाकिफ है। भाजपा पूरी 11 सीट जीतने का दावा कर रही है, और आप दावा नहीं कर रहे हैं इसके पीछे क्या राज है?
उत्तर : हम दावा नहीं, वादा करते हैं और उसे पूरा करते हैं। हमने जनता से जो कहा सो किया। भाजपा ने जनता से जो वादा किया उसे पूरा नहीं किया। भाजपा जानती है कि जनता नाराज़ है इसलिए माहौल बनाने के लिए दावा करते घूम रहे हैं। लेकिन जनता उनको दवाई पिलाने वाली है।
प्रश्न : कांग्रेस ने महिलाओं को एक लाख रुपए सालाना देने की घोषणा की है, विधानसभा से ठीक पूर्व गृहलक्ष्मी के नाम से आपने भी बतौर मुख्यमंत्री (Interview with former CM Bhupesh Baghel) 15 हजार रुपए सालाना देने की घोषणा की थी लेकिन महिलाओं ने भाजपा की 12 हजार रुपए वाली महतारी वंदन पर भरोसा किया लेकिन आप की घोषणा पर नहीं, ऐसी स्थिति में क्या एक लाख रुपए सालाना वाली इस घोषणा से कांग्रेस को फायदा होगा?
उत्तर : आप ऐसा कैसे कह सकते हैं कि महिलाओं ने हमारी घोषणा पर भरोसा नहीं किया? राजनांदगांव लोकसभा में 8 में से 5 विधानसभा सीटें कांग्रेस ने जीती हैं। इससे स्पष्ट है कि राजनांदगांव लोकसभा में जनता का भरोसा हम पर बरकरार रहा है। मैं गांव-गांव जा रहा हूँ, महिलाओं के बीच महालक्ष्मी नारी न्याय योजना की चर्चा ही सुनाई दे रही है। गरीब परिवार की एक महिला को एक लाख रुपए साल के मिलने वाले हैं। नतीजे आएँगे तो आप देख लीजिएगा।
प्रश्न : आपके सत्ता में रहते संगठन पर आपकी अच्छी पकड़ थी लेकिन सरकार जाते ही कांग्रेस के पुराने लोग पार्टी छोड़कर भाजपा में जा रहे हैं इसे आप कौन सा बदलाव मानते है, क्या कांग्रेस का आंतरिक लोकतंत्र इतना कमजोर हो गया कि पुराने से पुराना कार्यकर्ता पार्टी छोड़ रहा है?
उत्तर : व्यक्ति से पहले दल और दल से पहले देश ही कांग्रेस पार्टी की विचारधारा हैं। इसलिए व्यक्ति से महत्वपूर्ण विचार हैं। हमारा विचार मजबूत है और वैचारिक लोग उससे जुड़े रहते हैं। बाकि पतझड़ का मतलब है कि बसंत फिर आना है.
प्रश्न : आप पर एक आरोप भाजपा बार-बार लगाती रहती है कि आप जातिगत राजनीति के पोषक हैं इसमें कितनी सच्चाई है?उत्तर : अंग्रेजों की ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति पर चलने वाले दल जो समाज को धर्म, जाति, रंग, वर्ण, खान-पान, वेशभूषा, भाषा के नाम पर बांटते हैं उनके आरोपों पर मुझे जवाब देने की आवश्यकता नहीं। मेरी जवाबदेही मेरी जनता के प्रति है। मुझे हर जाति, धर्म के लोग प्यार करते हैं, और मैं सबकी एक समान भाव से सेवा करता हूँ। और जनता इसे ठीक तरह से जानती समझती है।
प्रश्न : आप मुख्यमंत्री थे तो जातिगत जनगणना की बात करते थे अब लोकसभा के प्रत्याशी होने के बाद भी आपके किसी बयान या भाषण में इसका जिक्र नहीं आता?
उत्तर : हिस्सेदारी न्याय कांग्रेस (Interview with former CM Bhupesh Baghel) के पांच न्याय में से एक है और हम सब उसके लिए प्रतिबद्ध हैं। मैं कांग्रेस का प्रत्याशी हूँ, कांग्रेस की गारंटी ही मेरी गारंटी है। मैं अपने भाषण में सभी गारंटियों का जिक्र करता हूँ। जातिगत जनगणना हमारा वादा है, सरकार बनते ही पूरा करेंगे।
प्रश्न : राष्ट्रीय परिपेक्ष्य में आप कांग्रेस को कहाँ पाते है?
उत्तर : जहां मैं जनता को पाता हूँ, वहीं कांग्रेस को पाता हूँ। जहां पूँजीपतियों को पाता हूँ, वहां भाजपा को पाता हूँ। जनता इस समय महंगाई और बेरोजग़ारी से त्रस्त है। वह देख रही है कि भाजपा ने दस साल में ऐसा कोई काम नहीं किया जिसके आधार पर वोट मांग सके, इसलिए वह अभी भी लोगों को ऐसे नारे दे रही है जिसका जनता के मुद्दों से कोई संबंध नहीं है। वरना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के जो होर्डिंग पोस्टर हैं उनमें दस साल के कामकाज का जि़क्र होता। आपने देखी ऐसी कोई होर्डिंग जिसमें मोदी जी अपना काम गिना रहे हों? किसी ने नहीं देखा। ऐसे में कांग्रेस ही लोगों को उम्मीद की तरह दिख रही है।
प्रश्न : फिर भी राज्य में कितनी लोकसभा की सीटें कांग्रेस जीत रही है?
उत्तर: जनता का भरोसा हमारी गारंटियों पर है, जनता का भरपूर आशीर्वाद हम सबको मिल रहा है। भाजपा से ज़्यादा सीटें कांग्रेस जीतेगी।
प्रश्न : आप अपनी राजनांदगांव लोकसभा सीट के बारे में क्या सोचते हैं? किस मुद्दे के साथ आप मैदान में है?
उत्तर: राजनांदगांव को भाजपा ने एक प्रयोगशाला बनाकर रख दिया है। जनता को अपना सांसद पहचानने के लिए गूगल पर तस्वीर ढूँढनी पड़ती है। जनता की मैंने मुख्यमंत्री (Interview with former CM Bhupesh Baghel) रहते सेवा की है। जनता को मुझ पर और कांग्रेस पर भरोसा है। जनता अपने बीच रहने वाला, काम करने वाला और उनकी आवाज उठाने वाला सांसद इस बार चुनने जा रही है।
प्रश्न : क्वांटिफाइबल डाटा आयोग की रिपोर्ट आपने जानबूझकर सार्वजनिक नहीं की यह आरोप विधायक अजय चंद्राकर का है?
उत्तर: जिस व्यक्ति पर उसकी पार्टी को ही भरोसा नहीं है, उसके आरोप पर मैं जवाब देकर अपना और आपका वक्त जाया नहीं करना चाहता। कोई गंभीर और समझदार व्यक्ति तो ऐसा नासमझी भरा सवाल पूछ ही नहीं सकता।
प्रश्न : राज्य में जीत के दावें की हकीकत की ओर आपका ध्यान दिलाना चाहता हूं क्या इसी वजह से आप इस बार कोई दावा नही कर रहे हैं? मसलन 2018 में अमितशाह का दावा था 65 पार का था 15 पर आई भाजपा। 2023 में बतौर मुख्यमंत्री आपने दावा 75 पार का किया था कांग्रेस आई 35 पर? क्या इसी अनुभव के आधार पर आप दावा नहीं कर रहे है?
उत्तर: 75 पार का नारा मैंने नहीं, हमारे कार्यकर्ताओं ने दिया था। एक कार्यकर्ता होने के नाते मैंने भी उसे दोहराया और हम सबने मिलकर उसे सफल बनाने का प्रयास किया। हर बॉल पर आप रन नहीं बना सकते, कुछ गेंदे हमारी खाली छूट गयीं और स्कोरबोर्ड पर वो स्कोर नहीं आ पाया। लेकिन पिच भी वही है और मैदान भी वही। किसी दिन शतक फिर मार लेंगे।पर जो जीत भाजपा को मिली है उस पर बहुत से प्रश्न चिन्ह लगे हुए हैं। भाजपा के लोग तो अभी भी समझ नहीं पा रहे हैं कि उनकी जीत कैसे हुई।
प्रश्न : आपके नामांकन के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. चरणदास महंत द्वारा पीएम मोदी के लिए दिए गए बयान से आपको राजनांदगांव में या कांग्रेस को पूरे राज्य में क्या नुकसान होता दिख रहा है। न केवल भाजपा आक्रमक हुई बल्कि पीएम मोदी ने भी अपने कांकेर के भाषण में इसका जिक्र किया था?
उत्तर: छत्तीसगढ़ की संस्कृति, भाषा और यहाँ के मुहावरों को जो समझता नहीं है, उसे समझाने की आवश्यकता भी नहीं। छत्तीसगढिय़ा लोग उनके बयान को समझ गए, इसीलिए भाजपा का आरोप धराशाई हो गया और उन्हें मुंह की खानी पड़ी। प्रधानमंत्री के बयान का जहां तक सवाल है तो वे अपने कामकाज गिनवाने की जगह विपक्ष के बारे में ही बोलते रहते हैं। आपको यह कहां से दिख गया कि इससे नुकसान होता दिख रहा है?