मुंबई, 20 मई| Internship Exploitation : मुंबई की फाल्कन लैब्स द्वारा घोषित 10 रुपये मासिक स्टाइपेंड वाली इंटर्नशिप ने देशभर में बहस छेड़ दी है, लेकिन असली सवाल यह है — आख़िर क्यों 1900 से अधिक युवाओं ने इस पर अप्लाई किया?
जहाँ कुछ लोगों ने इस कदम को “शोषण” बताया, वहीं एक बड़ा वर्ग इस मौके को एक “एंट्री पॉइंट” के रूप में देख रहा है। इसने भारत के युवा टेक टैलेंट के सामने बेरोज़गारी और “वर्क एक्सपीरियंस की भूख” जैसे मुद्दों को उजागर किया (Internship Exploitation)है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह सिर्फ 10 रुपये की बात नहीं है — यह युवा पीढ़ी की उस मानसिकता को दर्शाता है जो कहती है: “पहले सीखो, फिर कमाओ।”
हालाँकि, इस सोच के पीछे एक खतरनाक ट्रेंड छुपा है — कंपनियाँ अब “सीखने के अवसर” के नाम पर फ्री या अल्ट्रा-लो पेड वर्क कल्चर को बढ़ावा दे रही (Internship Exploitation)हैं। अगर यही ट्रेंड जारी रहा तो आने वाले समय में स्किल्ड टैलेंट का भी वैल्यू गिर सकता है।