संपादकीय: पाक की इंटेरनेशनल बेइज्जती
International humiliation of Pakistan
Editorial: पड़ोसी देश पाकिस्तान का दु:ख कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। रूस के राष्ट्रपति पुतिन जब भारत दौरे पर आये थे और भारत के साथ कई महत्वपूर्ण व्यापारिक समझौते किये थे तभी से पाकिस्तान के सीने में सांप लोट रहा था। पुतिन तो पाकिस्तान जाने से रहे इसलिए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ तुर्केनिस्तान में आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान वहां रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात करने की जुगत में लग गये थे। उनका उन्हें चालीस मिनट तक इंतजार कराया। इस दौरान शाहबाज शरीफ अपने नाखून चबाते हुए बैठे रहे। जब उनके सब्र का पैमाना छलक गया तो तैस में आकर शाहबाज शरीफ उस कमरे में जा घुसे जहां पुतिन अन्य राष्ट्रध्याक्ष से बातचीत कर रहे थे।
शाहबाज शरीफ को यह दु:साहस दिखाना महंगा पड़ गया। पुतिन के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें धक्के देकर उस कमरे से बाहर कर दिया और इसके बाद पुतिन ने उनसे मिलने से ही इंकार कर दिया। अंतर्राष्ट्रीय पर पाकिस्तान की इससे बड़ी बेइज्जती और क्या हो सकता है। पिछले सप्ताह ही पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसीन नकवी की भी इंग्लैंड में इसी तरह बेइज्जती की गई थी। वे जब लंदन पहुंचे तो उनकी कार की ऐसी जांच पड़ताल की गई थी मानों वे कोई आतंकवादी हों।
यही नहीं बल्कि जब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ आपने आर्मी चीफ असीम मुनीर के साथ अमेरिका गये थे तो वहां भी डोनाल्ड ट्रंप ने शाहबाज शरीफ की उपेक्षा कर असीम मुनीर को ज्यादा तवज्जों दी थी इसी से जाहिर है कि इंटरनेशनल बेइज्जती कराना पाकिस्तानी हुक्मरानों की नियती बन चुकी है। संयुक्त राष्ट्रमहासभा में भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री जब भारत के खिलाफ जहर उगलते हैं तो भारतीय प्रतिनिधि उन्हें मुंहतोड़ जवाब देकर विश्वमंच पर पाकिस्तान की बखिया उधेड़कर रख देते हैं।
पाकिस्तानी हुक्मरानों की स्थिति का एक और उदाहरण उस समय सामने आया जब असेंबली में स्पीकर ने कुछ नोट दिखाते हुए पािकस्तानी सांसदों से यह कहा कि ये नोट सदन में गिर गये थे जिसे एक सदस्य ने उन्हें लाकर दिया है जिसका भी यह नोट हो वह हाथ उठा दें। इतना सुनते ही दर्जनों सदस्यों ने अपने हाथ उठा दिये थे। कुल मिलाकर पाकिस्तानी हुक्मरान अपनी हरकतों से खुद अपनी बेइज्जती कराते हैं और अपने मुल्क का मजाक उड़ाने का सारी दुनिया को मौका देते हैं।
