Influenza fever : इन्फ्लूएंजा ज्वर
Influenza fever : इन्फ्लूएंजा, ज्वर अधिकतर मौसम बदलने के समय फैलता है। ऋतु परिवर्तन के दौरान जब तापमान में अन्तर आता है तो एक सामान्य व्यक्ति के शरीर में वात, पित्त और कफ तीनों की सन्तुलित अवस्था में थोड़ी बहुत गड़बड़ी आ जाती है। इसके परिणामस्वरूप इन्फ्लूएंजा रोग का आक्रमण होता है। इस रोग में नाक से बहुत अधिक कफ निकलता है।
Influenza fever : जुकाम,नाक स्वर यंत्र और श्वास नालिका में सूजन, कष्टदायक बुखार, दुर्बलता, नाड़ियों और मांसपेशियों में दर्द और नाड़ियों से सम्बन्धित गड़बड़ आद लक्षण दिखाई देते हैं। इन्फलूएंजा ज्वर का उपचार- इस रोग की चिकित्सा के लिए वैद्य लोग त्रिभुवन कीर्ति रस नामक औषधि का प्रयोग करते हैं जो बाजार मे बनी बनाई मिलती है।
रोगी को हल्का भोजन लेना चाहिए। भोजन में जो का पानी या दूध और चीनी के साथ उबाला हुआ साबूदाना खाने को देना चाहिए। इसके अतिरिक्त डबलरोटी, बिस्कुट, मांस का सूप और सब्जियों का सूप भी दिया जा सकता है।
– पिप्पली इसके लिए लाभदायक और अच्छी औषधि मानी गयी है। इसे पीसकर चूर्ण बनाकर इस चूर्ण का आधा चम्मच अदरक के रस में मिलाकर रोगी को सेवन करना चाहिए।
– दूसरी लाभकारी औषधि हल्दी है। एक छोटा चम्मच हल्दी का चूर्ण एक प्याला दूध में मिलाकर दिन में तीन बार सेवन कराया जाना चाहिए।
– तीसरी उपयोगी औषधि तुलसी है। तुलसी की पत्तियां और सोंठ का चूर्ण दोनों को मिलाकर चाय बनानी चाहिए। इसका सेवन दिन में तीन या चार बार करना चाहिए।
यह उपाय इंटरनेट के माध्यम से संकलित हैं कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करके ही उपाय करें