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बस्तर में आफत वाली बाढ़, सुकमा, बीजापुर एवं जगदलपुर जिले में भारी तबाही

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जगदलपुर। छत्तीसगढ़ chhattisgarh  में पिछले 3 दिनों से बस्तर bastar में निरंतर हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से सुकमा sukma एवं बीजापुर bijapur जिले भयंकर रूप से बाढ़ की चपेट मेें हैं। सुकमा से उड़ीसा का सड़क संपर्क आज दूसरे दिन भी भंग रहा, वहीं बीजापुर bijapur जिला मुख्यालय का संभागीय मुख्यालय सहित महाराष्ट्र एवं तेलंगाना से संपर्क विच्छेद बना हुआ है। इधर इंद्रावती नदी का जलस्तर भी तेली से बढ़ रहा है।

संभाग मुख्यालय से बीजापुर जाने वाला मार्ग भी बाढ़ के कारण अवरूद्ध हो गया है। जगदलपुर शहर में एक मकान की दीवार ढहने से एक बच्चे की मौत हो गयी, वहीं बीजापुर जिले में दो मकानों पर पेड़ गिरने से एक बालिका गंभीर रूप से जख्मी हो गयी है।

सुकमा का हाल-बेहाल

सुकमा जिले में हो रही लगातार बारिश से जिले के नदी-नाले एक बार फिर से उफान पर हैं। जिले से सटकर बहने वाली शबरी नदी का जलस्तर 9.5 मीटर तक पहुंच गया है। सीडब्ल्यूसी दफ्तर से मिली जानकारी के मुताबिक सुकमा इलाके में 97.2 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। शनिवार को भी दिनभर रिमझिम तो कभी झमाझम बारिश होती रही।

जिले के गादीरास से सटकर बहने वाली मलगेर नदी में बाई बाढ़ से गादीरास थाना के पास बने रपटे के ऊपर से दूसरे दिन भी पानी भरे रहने से इस मार्ग पर आवागमन ठप पड़ गया है। मलकानगिरी जाने वाले मार्ग पर चालानगुड़ा के पास बरसाती नाले पर बने रपटे के ऊपर से पानी बहने के कारण इस मार्ग पर आवागमन प्रभावित ठप है। सुकमा नेशनल हाइवे-30 पर लगभग दो फीट पानी आने से मार्ग पर आवागमन प्रभावित है। जेसीबी से डिवाइडर तोड़कर नेशनल हाईवे से पानी निकालने की कोशिश की जा रही है।

दंतेवाड़ा 2 युवक पानी में बह गए

दंतेवाड़ा जिले में गुरूवार की रात से हो रही लगातार बारिश की वजह से जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। नदी नालों में जल स्तर काफी बड़ा हुआ है। जिला मुख्यालय से होकर बहने वाली शंखनी व डंकिनी नदी भी उफान पर हैं। डंकिनी नदी में पानी का बहाव ज्यादा होने की वजह से जल स्तर पुराने पुल के काफी करीब पहुंच गया है।

दंतेवाड़ा से कटेकल्याण जाने वाली सड़क पर गाटम गांव के पास डुमाम नदी पर बनी पुलिया कई घंटों से डूबी हुई है, जिससे कटेकल्याण ब्लाक के गांवों का जिला मुख्यालय से सम्पर्क टूट गया है। मसेनार जाने वाले टेमरु नाले में बने दोनों पुलिया भी डूब चुका है, जिससे मसेनार सहित इसके आसपास के गांव भी टापू बन गए हैं।

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जिले के ग्राम मोलसनार निवासी रमेश, भीमा एवं बुधराम कल शाम गंजेनार रपटा के टेमरू नाले को जो पूर्णतया उफान पर था मोटरसायकल से पार कर रहे थे। तेज बहाव में तीनों ही बह गए बुधराम ने किसी तरह एक पेड़ की टहनी पकड़कर जान बचा ली किंतु रमेश एवं भीमा अब तक लापता हैं।

कुंदला पुल बहा, 80 गांवों से संपर्क टूटा

बारिश के चलते अबूझमाड़ कुंदला पुल बह गया है। लाखों की लागत से 3 महीने पहले पुल बनाया गया था। घटिया निर्माण किये जाने के चलते पहली बारिश में ही ये पुल बह गया। इससे अबुझमाड़-सोनपुर मार्ग बंद हो गया है। साथ ही 80 गांवों का सम्पर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है।

तेलंगाना एवं महाराष्ट्र के बाद संभाग मुख्यालय से कटा बीजापुर

इस बीच बीजापुरbijapur जिला पूरी तरह से टापू बन गया है। बांगापाल के निकट तुमनार नदी में आयी बाढ़ से संभाग मुख्यालय का संपर्क भंग हो गया है। बीजापुर bijapur से बासागुड़ा, चेरपाल, कुटरू सहित तालपेरू नदी में बाढ़ से तेलंगाना मार्ग भी बंद हो गया है।

इंद्रावती के कहर से महाराष्ट्र का संपर्क भी विच्छेद हो गया है। चेरपाल गांव में पेड़ गिरने से एक शिक्षक तरूण सेमल और रामसागर एंड्रिक का मकान क्षतिग्रस्त हो गया है, इस घटना में एक बालिका मल्लिका एंड्रिक घायल हो गयी है।

फिर कहर मचाएगी इंद्रावती

इंद्रावती का जलस्तर तेजी से बढ़ता हुआ वार्निंग लेवल को पार कर गया है और डेंजर लेवल को छूने की ओर अग्रसर है। प्रशासन इंद्रावती नदी के तटीय इलाकों पर खास नजर रखे हुए है। एहतियात के तौर पर लकड़ी की डोंगी का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी गई है।

लगातार बारिश से जन जीवन प्रभावित हुआ है, निचले इलाकों में बाढ़ की आशंका बढऩे से प्रशासन ने राहत दलों को सतर्क कर दिया है और राहत शिविर खोलने के निर्देश दिए गए हैं। शहर के बोधघाट थाना इलाके में मकान की दीवार ढहने से 22 वर्षीय बालक शैलेष बघेल की मौत हो गयी।

झमाझम बारिश से शहर के कई मुख्य सड़कों में पानी भर गया। इसमें संजय बाजार चौक, शांतिनगर रोड, शहीद पार्क तिराहा, हॉस्पिटल रोड, धरमपुरा रोड, ममता वीडियो चौक, गीदम रोड सहित अन्य जगह शामिल रहे। ऐसे में लोगों को आने-जाने में खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

बस्तर bastar जिले में शुक्रवार को 61.6 एमएम तो शनिवार को 38.6 एमएम बारिश हुई है। बीजापुर जिले के बीजापुर ब्लॉक में प्रदेशभर में सबसे ज्यादा 210.4 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है। सुकमा जिले में 96.3 एमएम बारिश दर्ज होने की बात कही जा रही है। उत्तरी छत्तीसगढ़ से उत्तर पूर्वी मध्यप्रदेश तक ऊपरी हवा में चक्रवात बना ही हुआ है।

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