Industrial Policy Focus : क्या आपने कभी सोचा है कि सरकार की नई उद्योग नीति में कौन सा इलाका सबसे ज्यादा चमकने वाला है? किस क्षेत्र को प्राथमिकता देते हुए भविष्य की तस्वीर बदली जाने वाली है? मुख्यमंत्री ने एक कार्यक्रम में इसका खुलासा किया और लोगों को चौंका दिया। उन्होंने बताया कि अब विकास की नई धुरी बनने वाला है बस्तर संभाग। लेकिन सवाल ये है कि आखिर ऐसा क्यों और किस तरीके से?
मुख्यमंत्री ने इस दौरान कहा कि प्रदेश की नई दिशा और दशा तय करने वाली इस योजना में अब तक की सबसे बड़ी रणनीति शामिल है। उन्होंने मंच से यह भी स्पष्ट किया कि रोजगार, स्वरोजगार और शिक्षा से जुड़े कदम अब पहले से कहीं ज्यादा तेज़ होंगे। यह घोषणा होते ही वहां मौजूद लोगों के बीच उत्सुकता और सस्पेंस और गहरा गया कि आखिरकार बस्तर और सरगुजा को इतना महत्व क्यों दिया जा रहा है।
ब्लॉक मुख्यालय नरहरपुर (Industrial Policy Focus), जिला कांकेर में आयोजित ठाकुर जोहारनी कार्यक्रम में शामिल होकर मुख्यमंत्री ने यह बड़ा बयान दिया। आदिवासी समाज की इस परंपरागत सभा में उन्होंने देवी–देवताओं की पूजा-अर्चना की और समाज की खुशहाली की कामना की। साथ ही कहा कि नई उद्योग नीति में बस्तर संभाग को विशेष फोकस इसलिए किया गया है ताकि यहां के युवाओं और समुदायों को स्थानीय स्तर पर ही नए उद्योग और स्वरोजगार से जोड़ा जा सके। इससे न सिर्फ आर्थिक लाभ होगा बल्कि आदिवासी संस्कृति और परंपराओं को भी मजबूती मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के युवाओं के भविष्य को सुरक्षित और उज्ज्वल बनाने के लिए राज्य सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा दी है। प्रदेश में IIT, IIM और IIIT जैसी उच्चस्तरीय संस्थाएं संचालित हो रही हैं। (Industrial Policy Focus) के तहत ऐसे संस्थानों का उद्देश्य यही है कि गुणवत्तापूर्ण और रोजगारपरक शिक्षा सीधे प्रदेश के छात्रों तक पहुंचे। इसके अलावा एकलव्य विद्यालय और प्रयास जैसी पहल लगातार शिक्षा सुधार की दिशा में काम कर रही हैं। दिल्ली में ट्राइबल यूथ हॉस्टल और नालंदा परिसर भी इसी सोच को आगे बढ़ा रहे हैं।
उन्होंने सुरक्षा बलों की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि माओवाद के खिलाफ लगातार सफलताएं मिल रही हैं और 31 मार्च 2026 तक प्रदेश से माओवादी हिंसा पूरी तरह समाप्त कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि (Industrial Policy Focus) के अंतर्गत पशुपालन, डेयरी और मुर्गीपालन जैसी गतिविधियों को भी बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया गया है।
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने भी कार्यक्रम में संबोधित करते हुए कहा कि जल, जंगल और जमीन के साथ जीने वाला आदिवासी समाज अपनी परंपराओं और संस्कृति से दुनिया को अनोखा संदेश देता है। उन्होंने लोगों से शिक्षा, स्वास्थ्य और अधिकारों के प्रति सजग रहने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर नरहरपुर क्षेत्र के लिए कई बड़ी घोषणाएँ भी कीं। इसमें 30 करोड़ रुपये की लागत से बागोड़ एनीकट का निर्माण, 132 केवी विद्युत सब स्टेशन, गोंडवाना सामुदायिक भवन, सर्वसुविधायुक्त विश्राम गृह और मोबाइल टॉवर की स्थापना जैसी परियोजनाएं शामिल हैं। इसके अलावा 20 लाख रुपये की लागत से मावा मोदोल लाइब्रेरी और 1 करोड़ 20 लाख रुपये की राशि से 12 मुड़ा क्षेत्रों में टीन शेड निर्माण की घोषणा भी की गई।
कार्यक्रम में सांसद भोजराज नाग, विधायक आशाराम नेताम, नीलकंठ टेकाम और कई जनप्रतिनिधियों के साथ गोंडवाना समाज के पदाधिकारी मौजूद रहे। कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और प्रशासनिक अमले ने भी इस आयोजन में भाग लिया। लोगों ने मुख्यमंत्री की घोषणाओं का जोरदार स्वागत किया और आदिवासी परंपरा के जयघोष से पूरा मैदान गूंज उठा।
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने कहा कि (Industrial Policy Focus) में सिर्फ उद्योग नहीं, बल्कि परंपरा और संस्कृति भी शामिल है। उन्होंने वादा किया कि बस्तर संभाग अब छत्तीसगढ़ का नया औद्योगिक और सांस्कृतिक मॉडल बनेगा।