तबादला आदेश होने केे बाद से नहीं पहुंचे कार्यालय
वाहनों के अभाव में नए उप संचालक का काम हो रहा प्रभावित
बीजापुर/नवप्रदेश। इंद्रावती टाइगर रिजर्व (indravati tiger reserve) के प्रभारी उप संचालक (incharge deputy director) एमके चौधरी केे तबादले का आदेश होते ही वे नदारद (disappear) हो गए हैं। लेकिन चार सरकारी वाहन (vehicles) अभी उन्हीं केे कब्जे (possession) में हैं। जिससे नए उप संचालक (new deputy director) अशोक पटेल को काम करने में दिक्कते (obstacles) आ रही हैं।
चौधरी तबादला आदेश आने के बाद एक सप्ताह से कार्यालय से नदारद हैं। इधर, नए उप संचालक अशोक पटेल ने एकतरफा चार्ज ले लिया है। लेकिन वाहन स्थांतरित प्रभारी उप संचालक के पास होने से उनके कामकाज पर असर पडऩा स्वाभाविक है।
सूत्रों के मुताबिक इंद्रावती टाइगर रिजर्व (indravati tiger reserve) के प्रभारी उप संचालक एमके चैधरी का तबादला आदेश 23 अगस्त को राजधानी से जारी हुआ। उनके साथ ही बीजापुर सामान्य वन मण्डल के एसडीओ अशोक पटेल का तबादला आदेश भी जारी हुआ। उन्हें इंद्रावती टाइगर रिजर्व के उप संचालक का प्रभार दिया गया। पटेल ने 28 अगस्त को चार्ज ले लिया लेकिन तब एमके चैधरी कार्यालय में नहीं थे। इस वजह से पटेल को एकतरफा चार्ज लेना पड़ा। खबर है कि अभी चार सरकारी वाहन पूर्व प्रभारी उप संचालक के बंगले में ही खड़े हंै।
लीपापोती की कवायद भी चर्चा में :
क्षेत्र में इस बात की भी चर्चा है कि इंद्रावती टाइगर रिजर्व में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है और इसकी लीपापोती की तैयारी की कवायद में पूर्व प्रभारी उप संचालक लगे हुए हैं। समझा जाता है कि वे तबादला रुकवाने की जुगत में हैं। ये बात भी जोर पकडऩे लगी है कि भैरमगढ़ वन भैंसा अभयारण्य में भी बड़े स्तर पर घोटाला हुआ है। खास बात यह है कि इंद्रावती टाइगर रिजर्व में उप संचालक के पद पर रहते एमके चैधरी वन भैंसा अभयारण्य के भी एसडीओ भी थे।
नहीं दिया है चार्ज : पटेल
इस बारे में नए उप संचालक अशोक पटेल का कहना है कि पूर्व उप संचालक एमके चैधरी कहां गए हैं, इस बारे में उन्हें नहीं पता है। शासन के आदेश का पालन करते उन्होंने प्रभार ले लिया है।