रायपुर, 18 जून। Indian Students Stuck Abroad : जार्जिया के एक प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छत्तीसगढ़ के एक स्टूडेंट विशाल अग्रवाल (बदला हुआ नाम) को 15 जून को एयरपोर्ट से वापस लौटना पड़ा। सेकंड सेमेस्टर की एक्जाम खत्म होने के चार दिनों बाद विशाल अपना सामान पैक कर घर जाने के लिये एयरपोर्ट पहुंचा, लेकिन एयरपोर्ट पर उसे फ्लाईट केंसिल होने की जानकारी मिली। विशाल को बताया गया कि ईरान-इजराईल युद्ध के कारण पूरी दुनिया में हजारों फ्लाईट केंसिल कर दी गई है। मायूस विशाल अब नए सिरे से फ्लाईट की टिकट बुक कराने पर मजबूर है। दोबारा टिकट बुक कराने का मतलब है हजारों रुपए की चपत।
डेढ़ माह पहले पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान और भारत ने एक दूसरे पर कई प्रतिबंध लगाए थे। पाकिस्तान द्वारा एयर स्पेस बंद कर दिया गया। इसके कारण यूरोपीय देशों के लिये भारत की फ्लाईटें बंद हो (Indian Students Stuck Abroad)गई। अब इन देशों के लिये रवाना होने वालों को वन या टू स्टाप फ्लाईट की टिकट लेना पड़ रहा है। टिकट भी दो से तीन गुना महंगी हो गई है।
मेडिकल स्टूडेंट विशाल ने बताया कि पाकिस्तान का एयर स्पेस बंद होने के कारण एयर इंडिया, इंडिगो सहित कई एयर कंपनियों की उड़ाने बंद हो गई। स्टूडेंट्स को वन स्टाप फ्लाईट की टिकट करीब दोगुनी कीमत पर बुक कराना पड़ा। वीजा और ट्रांजिट वीजा की सिरदर्दी अलग झेलनी पड़ी। अब ईरान, इजराईल युद्ध शुरू होने के कारण कई फ्लाईट केंसिल हो गई हैं। इसके कारण स्टूडेंट्स एयरपोर्ट से वापस लौट रहे हैं।
– तीन-चार घंटे की फ्लाईट अब 12 से 20 घंटे की
भारत से रूस, कजाखस्तान, उज्बेकिस्तान, किर्गिस्तान जार्जिया, इजिप्ट, ईरान सहित कई देशों में मेडिकल की पढ़ाई करने गए हजारों छात्रों को ऐसी कई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। ताशकंद में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे एक छात्र ने बताया कि पहले सीधी फ्लाईट की सुविधा होने से इन देशों से दिल्ली या मुंबई पहुंचने में तीन से चार घंटे का समय लगता था। कुछ देशों में 6 घंटे की फ्लाईट से वे भारत लौट जाते थे। लेकिन अब उन्हें 10 से 26 घंटे तक का समय लग रहा (Indian Students Stuck Abroad)है। सीधी फ्लाईट सेवाएं तकरीबन बंद हो चुकी है। वन स्टाप या टू स्टाप फ्लाईट से समय भी ज्यादा लग रहा है और किराया भी दो से तीन गुना तक ज्यादा देना पड़ रहा है।
फ्लाईट की री-बुकिंग कराने पर भी बड़ा नुकसान
फ्लाईट केंसिल होने पर एयर कंपनी री-बुकिंग कराने या पूरा किराया वापस देेने का आप्शन दे रही है। दोनों ही विकल्प स्टूडेंट्स के लिये भारी नुकसान का सौदा साबित हो रहे हैं। फ्लाईट केंसिल होने से परेशान छत्तीसगढ़ की एक छात्रा शिफा (बदला हुआ नाम) ने बताया कि उन्हें कम से कम एक हफ्ते बाद की फ्लाईट करीब दोगुने किराये पर मिल रही है। फ्लाईट पहुंचने में भी 20 घंटे से ज्यादा समय लग रहा है। करीब 9 से 10 महीने की पढ़ाई के बाद अब घर लौटने की खुशी मायूसी में बदल गई है।
तीन गुना बढ़ाया किराया
पाकिस्तान का एयर स्पेस बंद होते ही इंडिगो और एयर इंडिया जैसी बड़ी कंपनियों की फ्लाईट पर सबसे ज्यादा असर पड़ा। ताशकंद में पढ़ रहे एक मेडिकल स्टूडेंट ने बताया कि एयर स्पेस बंद होने से पहले दिल्ली जाने वाली फ्लाईट का किराया सामान्य दिनों में 11 से 14 हजार तक होता था। एयर स्पेस बंद होते ही दूसरे देशों की एयर कंपनियों ने वन स्टाप रूट या डायरेक्ट फ्लाईट का किराया तीन गुना तक कर (Indian Students Stuck Abroad)दिया। कई छात्रों ने दुबई, अबूधाबी और शारजाह होते हुए दिल्ली, मुंबई आने की फ्लाईट के लिये दो से तीन गुना कीमत पर एयर टिकट लिया। इन छात्रों को भी फ्लाईट केंसिल होने जैसी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
एयर कंपनियों ने बेतहाशा किराया बढ़ाया
पाकिस्तान का एयर स्पेस बंद होने के कारण एशिया और यूरोप से आने-जाने वाली एयर इंडिया और इंडिगो जैसी कंपनियों की फ्लाईट बंद हो गई। दूसरे देशों की एयर कंपनियों ने मौके का फायदा उठाते हुए फ्लाईट का किराया दो से तीन गुना तक बढ़ा दिया। जिन देशों की सीधी फ्लाईट भारत आ रही थी, उनके किराये भी बेतहाशा बढ़ा दिये गए। दिल्ली की एक छात्रा ने बताया कि यात्रा से एक माह पहले टिकट बुक कराने पर कजाखस्तान, उज्बेकिस्तान और किर्गिस्तान जैसे देशों से दिल्ली के लिये सीधी फ्लाईट का किराया 11 हजार से 13 हजार रुपए था। लेकिन एयर स्पेस बंद होने के बाद उन्हें 30 से 50 हजार रुपए तक किराया देना पड़ रहा है।
एयरलाइन कंपनियों को भी अरबों का नुकसान
पाकिस्तानी एयर स्पेस बंद होने के कारण भारतीय एयरलाइनों को हर महीने करीब 300 करोड़ रुपए से ज्यादा राशि खर्च करना पड़ रहा है। एयर कंपनियों के कारोबार से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि एक साल तक पाकिस्तान का एयरस्पेस बंद रहने पर अरबों रुपए का नुकसान होने की आशंका है। अकेले एयर इंडिया को करीब पांच हजार करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान लगाया गया है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान का एयर स्पेस बंद होने से मध्य एशिया, पश्चिम एशिया, यूरोप, ब्रिटेन और उत्तर अमेरिका जाने वाले भारतीय कंपनियों विमानों को रास्ता बदलना पड़ा (Indian Students Stuck Abroad)है। मुंबई से यूरोप और अमेरिका जाने वाली फ्लाईट पर कोई ख़ास असर नहीं पड़ा है, लेकिन दिल्ली से जाने वाले विमानों को अहमदाबाद से डिटूर लेना पड़ रहा है। ताकि वो पाकिस्तानी एयरस्पेस के बाहर-बाहर उड़ान भर सकें।
ईरान में फंसे दस हजार स्टूडेंट्स
ईरान-इजराइल युद्ध के कारण ईरान में करीब दस हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स फंस गए हैं। भारतीय छात्रों के साथ ही यहां बड़ी संख्या में प्राइवेट कंपनियों में नौकरी कर रहे हैं। हजारों लोग यहां व्यवसाय कर रहे हैं। एक-दूसरे पर भीषण हमले के कारण लाखों स्थानीय लोग तेहरान छोडऩे पर मजबूर हैं। यहां फंसे हजारों भारतीयों को बाहर निकालने के लिये आर्मेनिया के रास्ते का विकल्प है, लेकिन भारत सरकार ने अब तक भारतीय छात्रों और व्यवसाय से जुड़े लोगों को बाहर निकालने के लिये कोई प्लान नहीं बनाया है।