नई दिल्ली/तेहरान, 21 जून| India Evacuation Iran : जब पूरी दुनिया पश्चिम एशिया के संकट पर नजर गड़ाए बैठी है, भारत ने एक बार फिर दक्षिण एशिया की मानवता का नेतृत्वकर्ता बनकर मिसाल पेश की है। ईरान और इज़रायल के बीच जारी युद्ध जैसे हालात के बीच भारत ने न केवल अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए “ऑपरेशन सिंधु” शुरू किया है, बल्कि नेपाल और श्रीलंका के नागरिकों की मानवीय सहायता भी संभाल ली है।
केवल ऑपरेशन नहीं, ये है ‘नैतिक कूटनीति’ का परिचय
भारत द्वारा शुरू किया गया “ऑपरेशन सिंधु” अब सिर्फ एक निकासी मिशन नहीं रह गया है, यह एक नैतिक दायित्व और सांझा पड़ोसीपन का परिचायक बन चुका (India Evacuation Iran)है। भारत ने यह निर्णय लिया कि वह सिर्फ भारतीयों को ही नहीं, बल्कि उन पड़ोसी देशों के नागरिकों को भी सुरक्षित निकालने में मदद करेगा जिनके पास संसाधनों की सीमाएं हैं।
दूतावास ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर और टेलीग्राम लिंक
भारतीय दूतावास ने ईरान में फंसे लोगों से संपर्क बनाए रखने के लिए तीन आपातकालीन नंबर और एक टेलीग्राम चैनल लॉन्च किया है:
+98 9010144557
+98 9128109115
+98 9128109109
टेलीग्राम चैनल पर पल-पल की अपडेट्स मिल रही हैं।
नेपाल और श्रीलंका के अनुरोध पर भारत ने बढ़ाया हाथ
मानवता की मिसाल देते हुए भारत ने नेपाल और श्रीलंका सरकारों के आग्रह पर सैकड़ों नागरिकों को निकासी सहायता में शामिल किया। यह कदम भारत की ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की नीति को एक बार फिर सिद्ध करता है।
विदेश मंत्रालय की 24×7 निगरानी में अभियान
भारत का विदेश मंत्रालय और तेहरान स्थित दूतावास लगातार निगरानी में है। भारतीय टीम स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय कर रही (India Evacuation Iran)है ताकि हर नागरिक को सुरक्षित निकाला जा सके।
एयरस्पेस से लेकर इवैक्यूएशन तक मिला ईरान का साथ
ईरान सरकार ने भारतीय नागरिकों की निकासी में पूरा सहयोग देते हुए एयर स्पेस खोला, जिससे राहत उड़ानों को सुरक्षित मार्ग मिल सका।
‘ऑपरेशन सिंधु’ बनेगा भविष्य के संकटों में मॉडल
यह अभियान न केवल एक कूटनीतिक जीत (India Evacuation Iran)है, बल्कि भविष्य में क्षेत्रीय संकटों में भारत की जिम्मेदार भूमिका का आधार भी बन सकता है।