-बीस साल बाद भारत में प्रस्तुति देगा चीन का सबसे बड़ा कला समूह
नई दिल्ली/नवप्रदेश। भारत और चीन ( India and China) के राजनयिक संबंधों (diplomatic relations) की 70 वीं वर्षगांठ (70th Anniversary) इस बार बहुत खास होने वाली है। इस आयोजन में करीब 20 साल बाद चीन का सबसे बड़ा ललित कला समूह अपनी प्रस्तुति देने आ रहा है।
भारत और चीन ( India and China) की राजनयिक संबंधों पर कई बार छूट पुट विवाद होते रहे है कि किन्तु एशिया में शांति बहाल करने भारत-चीन प्रतिबद्ध है और आयोजन में चीन की उपस्थित इसे और प्रगाढ़ रूप दे रहा है। इस साल राजधानी में चीनी नववर्ष का अयोजन पहले की तरह भव्य आयोजन किया जाएगा।
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सीरीफोर्ट सभागार में 10 जनवरी को शाम साढ़े छह बजे चाइना ओरिएन्टल परफॉर्मिंग आट्र्स ग्रुप देश की विविधता पूर्ण संस्कृति के दस अलग-अलग रंगों वाली दस छोटी प्रस्तुतियों की एक नृत्य एवं गीत माला ‘दि स्प्लेंडर ऑफ चाइना पेश करेगा। इस मौके पर भारत में चीन के राजदूत सुन वीडोंग भी उपस्थित होंगे। भारत में चीन के दूतावास में सांस्कृतिक काउंसलर झांग चियानशिन ने यहां संवाददाताओं को बताया कि वर्ष 2020 भारत एवं चीन के रिश्तों में बहुत खास है।
हम अपने राजनयिक संबंधों (diplomatic relations) की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। इस मौके पर दोनों देश 70 विशिष्ट कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे जिनमें 35 कार्यक्रम भारत में और 35 कार्यक्रम चीन में आयोजित किये जाएंगे। दस जनवरी का कार्यक्रम भी इन्हीं में से एक है। श्री झांग चियानशिन ने कहा कि चीन का नव चंद्र वर्ष 25 जनवरी को मनाया जाएगा।
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इससे पहले नयी दिल्ली में सीरी फोर्ट सभागार में चीनी नववर्ष के मौके पर देश का सबसे बड़ा सांस्कृतिक एवं ललित कला समूह एक अनूठी प्रस्तुति के साथ भारतीय दर्शकों के सामने आएगा। यह समूह 20 साल बाद भारत आ रहा है। इससे पहले वर्ष 2000 रिपीट 2000 में भारत-चीन राजनयिक संबंधों की 50वीं वर्षगांठ के मौके पर इसी समूह ने यहां प्रस्तुति दी थी।
‘दि स्प्लेंडर ऑफ चाइना प्रस्तुति चीन के सफेद एवं नीले चीनी मिट्टी के रंगों, चाय की रस्म, बांस, सुलेख, चित्रकारी, पारंपरिक चीनी औषधि आदि पर आधारित है। इन तत्वों को निरुपित करने के लिए भावप्रण नृत्य का सहारा लिया गया है जिसमें कुलीनता एवं आधुनिकता दोनों का समावेश है। इन्हें दस अलग-अलग छोटी नृत्य प्रस्तुतियों की एक माला में पिरोया गया है और ये सभी प्रस्तुतियां एक काव्यधारा के रूप में प्रवाहित होती दिखेंगी।