Increasing diplomatic tension between India and Canada: कनाडा सरकार ने एक बार फिर भारत पर बेबुनियाद आरोप लगाकर भारत और कनाडा के बीच कुटनीतिक तनाव को बढ़ाने का काम किया है। कनाडाई आयोग की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि कनाडा के संघीय चुनाव को प्रभावित करने के लिए भारत ने कुछ राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों को गुप्त रूप से वित्तिीय सहायता उपलब्ध कराई है।
कनाडा ने इसका कोई प्रमाण नहीं दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कनाडा के इस आरोप का खंडन करते हुए स्पष्ट किया है कि भारत ने ऐसा कुछ नहीं किया है उल्टे कनाडा भारत के आंतरिक मामलों में लगातार हस्तक्षेप करता रहता है।
गौरतलब है कि इसके पहले भी कनाडा की सरकार ने भारत पर यह आरोप लगाया था कि कनाडा में एक खालिस्तानी नेता निज्जर की हत्या के पीछे भारत के राजनयिकों को हाथ है। उस समय भी कनाडा ने अपने इस आरोप के बारे में भारत के मांगने के बावजूद कोई सबूत नहीं दिये थे। नतीजतन दोनो देशो के बीच तल्खी इस कदर बढ़ी की कि दोनों ने ही अपने अपने राजनयिकों को वापस बुला लिया था।
अब तो कनाडा की जांच एजेंसी ने भी यह स्वीकार कर लिया है कि खालिस्तानी नेता की मौत के पीछे भारत का हाथ नहीं था। इसके बाद भी अब कनाडा भारत पर चुनाव को प्रभावित करने का अनरगल आरोप लगाकर उल्टो चोर कोतवाल को डांटे वाली कहावत को चरितार्थ कर रहा है।
बेहतर होगा कि कनाडा भारत के खिलाफ इस तरह ेके झूठे आरोप लगाना बंद करे अन्यथा दोनों देशों के बीच संबंध खराब होने का खामियाजा खुद कनाडा को ही भुगतना पड़ेगा।