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राज्यों पर बढ़ता कर्ज का बोझ, मुफ्त योजनाओं में…देखें इस रिपोर्ट को

Increasing debt burden on states, in free schemes… see this report

Increasing debt burden on states

नई दिल्ली। कोरोना के बाद देश में निर्वाचित राज्यों का कर्ज तेजी से बढ़ता जा रहा है। पंजाब, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान और नॉर्थ ईस्ट के कई राज्यों में कर्ज के सहारे कई मुफ्त योजनाओं में पैसा डाला जा रहा है। वहीं, महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर भी जोरदार बहस चल रही है।

खराब स्थिति

भारतीय रिजर्व बैंक की आरबीआई 2023 की रिपोर्ट के मुताबिक, 28 राज्यों के औसत बकाया में तीन साल में 43 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। जिन राज्यों में 2022-24 में विधानसभा चुनाव हुए हैं या होंगे, उनकी स्थिति बहुत खराब है। इन राज्यों की सरकारों ने मतदाताओं को खुश करने के लिए मुफ्त बिजली-पानी, सस्ता सिलेंडर, मुफ्त राशन, मुफ्त परिवहन, सस्ता अनाज, किसान कर्जमाफी, पुरानी पेंशन आदि योजनाओं में कर्ज का पैसा खर्च किया है।

जिन राज्यों में 2022 में चुनाव हुए… (कुल कर्ज राजस्व का) 2020-23

जीएसडीपी राज्य बाध्यताएं

2023 में जहां चुनाव हुए हैं या होंगे…

जहां 2024 में चुनाव होंगे

एक रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2020 से 2023 के बीच, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, सिक्किम, कर्नाटक राज्यों ने अपनी ऋण-देयता में वृद्धि की है। पंजाब, गोवा, मणिपुर, हिमाचल प्रदेश, मिजोरम, राजस्थान, मेघालय और नागालैंड पर जीएसडीपी से अधिक कर्ज है।

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