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राजधानी के सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में शर्मानाक घटना

In the Superspeciality Hospital of the capital Sharmak accident

DKS hospital

नवप्रदेश संवाददाता

रायपुर। दानवीर दाऊ कल्याण सिंह (डीकेएस अस्पताल) dks hospital raipur  के नाम वाले सुपरस्पेशलिटी अस्पताल Superspeciality Hospital में शर्मनाक घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। गरीब मरीजों के लिए खैराती अस्पताल के लिए दिल खोलकर दान करने वाले दाऊ कल्याण सिंह अस्पताल dks hospital को गलत तरीके से बंद कर पहले उसे मंत्रालय बना दिया गया।

राज्य निर्माण के बाद मंत्रियों के केबिन के लिए सरकारी खजाने से पैसा पानी की तरह बहाया गया। बाद में मंत्रालय नवा रायपुर में शिफ्ट कर इसे फिर वीरान कर दिया गया। दाऊ कल्याण सिंह के परिजनों ने केस जीतने के बाद इसे फिर अस्पताल का स्वरूप देने दबाव बनाया तो बीजेपी शासनकाल में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बनाने के कथित प्रयासों में एक बार फिर सरकारी खजाने से बेहिसाब खर्च किया गया।

DKS hospital

 

मशीनों और तामझाम में किए गए खर्च करने की जांच पुलिस की स्पेशल टीम कर रही है। अभी जांच पूरी भी नहीं हुई थी कि अस्पताल के लिए खरीदे गए कंबल, बैड शीट और टॉवेल की चोरी हो गई है। बड़ी तादात में हुई इस चोरी के मास्टर माइंड ने चंद दिनों में ही 1500 बैड शीट, 500 कंबल और 350 टॉवेल पार कर दिया है।

चोरी के बाद सुरक्षा गार्ड अलर्ट

निजी कंपनी के सुरक्षा गार्ड के जिम्मे अस्पताल सौंप दिया गया है। शुरु होने के फौरन बाद से ही चोर नए कंबल, बैड शीट, टॉवेल पर हाथ साफ करते रहे और तैनात सिक्योरिटी सर्विस एसआईएसपीएल के गार्ड मूक दर्शक बने रहे।

अब जब चौंकाने वाली चोरी का खुलासा हुआ तो कंपनी के सुरक्षा गार्ड जांच के नाम पर पहले से ही परेशान मरीजों के परिजनों और स्टाफ को परेशान कर रहे हैं। बता दें कि चंद रोज पहले ही कंपनी के गार्ड्स को पगार नहीं मिलने से तैनात कर्मियों ने हल्ला भी किया था।

अब नींद से जागा अस्पताल प्रबंधन

डीकेएस dks hospital पोस्ट गे्रज्यूएट इंस्टीट्यूट एवं रिसर्च सेंटर रायपुर के अस्पताल अधीक्षक और एकेडेमिक इंचार्ज ने चोरी की खबर के बाद लंबा-चौड़ा पत्र व्यवहार कर आदेश जारी किया है। सुरक्षा, स्टाफ और प्रबंधन की चूक के बाद चोरी गए सामानों की जिम्मेदारी तय कर रिकवरी करने के बदले सीधे तौर पर मरीजों को ही चोर समझ उनकी तलाश लेने का फरमान जारी कर दिया गया है।

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