रायपुर/नवप्रदेश। ready to eat case : छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार को रेडी-टू-ईट मामले में हाईकोर्ट से झटका लगा है। रेडी-टू-ईट मामले में शासन के आदेश पर हाईकोर्ट ने रोक लगाकर महिला स्व सहायता समूहों को तात्कालिक तौर पर राहत दी है।
दरअसल, रेडी-टू-ईट मामले में छत्तीसगढ़ सरकार के निर्णय को चुनौती देते हुए 5 महिला स्व सहायता समूहों की 20 हजार से ज्यादा महिलाओं की तरफ से बिलासपुर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। सरकार के आदेश पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है।
कोर्ट ने मामले (ready to eat case) को अंतिम सुनवाई के लिए मार्च माह के प्रथम सप्ताह में रखने का आदेश दिया है। राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से महिलाओं और बच्चों में वितरित किए जाने वाली रेडी टू ईट को आटोमेटिक मशीन से उत्पादन करने का निर्णय लिया है। इस व्यवस्था को दो फरवरी से लागू होना था।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने रेडी टू ईट वितरण का काम को केंद्रीयकृत कर दिया है। 22 नवंबर को हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। इसके बाद रेडी टू ईट फूड निर्माण व वितरण का कार्य एक फरवरी 2022 से स्थानीय महिला स्व सहायता समूह के स्थान पर छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम द्वारा स्थापित यूनिट के माध्यम से करने का आदेश महिला व बाल विकास सचिव रीना बाला साहेब कंगाले ने जारी किया था। शासन के इस निर्णय के खिलाफ 5 महिला स्व सहायता समूहों ने जनहित याचिका दायर की थी।
रेडी टू ईट मामले (ready to eat case) में हाईकोर्ट ने शासन के आदेश पर रोक लगाने के बाद पूर्व सीएम रमन सिंह ने सरकार पर निशाना साधा है। रमन सिंह ने कहा कि स्व सहायता समूह की बहनों की यह जीत है। रेडी टू ईट मामले में कोर्ट का फैसला असंवेदनशील, अराजक भूपेश सरकार को सबक सिखाया है। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार को एक जबरदस्त तमाचा पड़ा है। रमन सिंह ने कहा कि भाजपा इन बहनों के साथ है, उनके हक के लिए इस अहंकारी कांग्रेस सरकार से आरपार की लड़ाई साथ लड़ेंगे और जीतेंगे।